भोपाल। लालघाटी क्षेत्र के वीआईपी गेस्ट हाउस और गुफा मंदिर क्षेत्र में तीसरे दिन शुक्रवार को भी तेंदुआ नहीं मिला। फिर भी सुरक्षा के तौर पर एक पिंजरा लगा दिया गया है। वहीं, पहले दिन बुधवार को मिले जिन पगमार्कों को वन विभाग के कुछ कर्मचारियों ने तेंदुए का बताया था, उन्हें वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने कुत्ते व लकड़बग्घे का होना बताया है। कुल मिलाकर वनकर्मियों की गलती के कारण पिछले तीन दिन से लालघाटी के वीआईपी गेस्ट हाउस व गुफा मंदिर क्षेत्र में हजारों रहवासी दहशत में हैं।
अब वन विभाग के अधिकारी भी पगमार्क को तेंदुए का होने से इनकार कर रहे हैं। बुधवार रात को कुछ लोगों ने लालघाटी के वीआईपी गेस्ट हाउस के पास किसी जंगली जानवर को देखने की जानकारी वन विभाग को दी। भोपाल सामान्य वन मंडल का अमला पहुंचा और खोजबीन की, लेकिन नहीं मिला। गुरुवार को फिर गुफा मंदिर के आसपास तेंदुए के दिखने की जानकारी मिली। फिर वन अमला पहुंचा और गुफा मंदिर के आसपास कुछ पगमार्क मिले, जिन्हें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तेंदुए के पगमार्क बताया गया।
इस तरह क्षेत्र में तेंदुआ दिखने की जानकारी लोगों तक पहुंची और हजारों रहवासी क्षेत्र में तेंदुआ होने की दहशत में जीने लगे। इधर, वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने साफ कर दिया है कि जिन पगमार्क को तेंदुए का बताया है वे कुत्ते व लकड़बग्घे के हैं। कुल मिलाकर बगैर पुष्टि के वन कर्मचारियों ने फोटो सोशल मीडिया पर साझा कर दिए और रहवासी परेशान होते रहे।
पूर्व में भी 7 फीट के अजगर को बता चुके हैं 16 फीट का
भोपाल सामान्य वन मंडल व उड़नदस्ता में शामिल कुछ वनकर्मी पूर्व में भी एक 7 फीट के अजगर को 16 फीट का बता चुके हैं। असल में बीते हफ्ते भोपाल उड़नदस्ता की टीम विदिशा के सोना गांव पहुंची थी। यहां से एक अजगर को वन विहार पहुंचाया गया था। बाद में इन वनकर्मियों ने व उनके साथ शामिल एक वन्यप्राणी अभिरक्षक ने बताया था कि अजगर 16 फीट का है। इसकी जानकारी भी सोशल मीडिया पर फैलाई गई थी। जैसे ही अजगर वन विहार नेशनल पार्क के सुपुर्द किया तो डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार जैन ने बताया कि अजगर 7 फीट का है।
पिंजरा लगाया है
पगमार्क तो तेंदुए के नहीं हैं। फिर भी सुरक्षा के तौर पर पिंजरा लगाया है।
एके झंवर, रेंजर, समरधा रेंज, भोपाल