इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाइपरलूप वन कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ इंदौर से भोपाल होते हुए जबलपुर तक हाइपरलूप आधारित कार्गों सिस्टम बनाने को लेकर चर्चा की है। यदि यह तकनीक आती है तो इंदौर से भोपाल का 200 किमी का रास्ता आधे घंटे और जबलपुर तक का रास्ता मात्र एक घंटे में पूरा हो जाएगा।
हाइपरलूप में भोपाल से इंदौर और जबलपुर के बीच एक ऐसा ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार होगा, जो जमीन पर हवाई जहाज से तेज स्पीड से परिवहन करेगा। इसमें माल परिवहन के साथ यात्रियों को भी लाया ले जाया सकता है। हाइपरलूप परिवहन दरअसल एक कैप्सूल रूपी चुंबकीय ट्रेन है। इस तकनीक में विशेष प्रकार से डिजाइन कैप्सूल या पॉड्स का प्रयोग किया जाता है, जिसमें यात्रियों को बैठाकर या कार्गो लोड कर इन्हें जमीन के ऊपर बड़े पारदर्शी पाइपों में इलेक्ट्रिकल चुंबक पर चलाया जाता है।
चुंबकीय प्रभाव से ये पॉड्स ट्रैक से कुछ ऊपर उठ जाते हैं, जिससे गति ज्यादा हो जाती है और घर्षण कम होता है। यह अल्ट्रा-लो एयरोडायनामिक ड्रैग के कारण लंबी दूरी तक हवाई जहाज की गति से दौड़ते हैं।