भोपाल। प्रदेश में नागरिकों को उनके निवास के समीप ही बेहतर एवं व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को "मध्यप्रदेश आरोग्यम्" के रूप में विकसित किया जा रहा है।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इन स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्तमान में प्रदाय की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा। इसके साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज तथा कैंसर जैसी बीमारियों की समय-पूर्व पहचान, नियंत्रण एवं उपचार भी इन संस्थाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिये इन केन्द्रों पर सभी आवश्यक मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ प्रयोगशाला संबंधी सभी आवश्यक जाँच की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 26 जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 1015 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को आरोग्यम् के रूप में विकसित करने की कार्य-योजना बनाई जा रही है। आरोग्यम् प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जन-समुदायों को 11 स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इनमें गर्भावस्था में देखभाल एवं प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, बाल्य एवं किशोर स्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन सेवाएँ, संक्रामक रोगों का इलाज एवं सामान्य बीमारियों के लिये ओ.पी.डी. सेवाएँ, गंभीर रोगों की स्क्रीनिंग और रोकथाम, आँख तथा कान से संबंधित सेवाएँ, बेसिक ओरल हेल्थ केयर, वृद्धावस्था में देखभाल, आपातकालीन मेडिकल सेवाएँ और मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में जाँच एवं मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रमुख हैं। मध्यप्रदेश आरोग्यम् केन्द्रों में योग संबंधी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से संचालित की जाएंगी।