नई दिल्ली। भारत की सेना ने जवाबी कार्रवाई में जिस नीलम घाटी पर बम बरसाए दरअसल वो हमारी अपनी किशनगंगा घाटी है। यह वही वैली है जिसे स्वर्ग से भी सुन्दर कहा जाता था। पाकिस्तान ने कब्जा करने के बाद हमारी किशनगंगा घाटी का नाम बदलकर नीलम घाटी कर दिया। आज उस जन्नत जैसी वादी में 'जहन्नुम' जैसे नजारे नजर आ रहे हैं। 10 पाकिस्तानी लाशें पड़ीं थीं। आतंकवादियों के 3 लांच पेड तबाह हो चुके थे। इसके अलावा संपत्ति और प्रकृति को भारी नुक्सान हुआ है।
कैसी दिखती है नीलम घाटी
कश्मीर से सटे गुलाम कश्मीर में नीलम घाटी में आकाश छूते पहाड़, हरी-भरी घाटियां, बहती नदियां और खूबसूरत झीलें हैं। यह दुनिया का सर्वात्तम प्राकृतिक पर्यटक स्थल है लेकिन पाकिस्तान में आइएसआइ, पाक सेना और कट्टरपंथी इस खूबसूरत वादी का इस्तेमाल आतंक को बढ़ावा देने में कर रहे हैं। नीलम घाटी का नाम अब आतंक के गढ़ के रूप में चर्चित होने लगा है। क्योंकि घाटी में आतंकी संगठनों ने कई अड्डे बना रखे हैं। यहीं से भारत के खिलाफ साजिशों का खेल रचा जाता है।
पाकिस्तान ने नीलम घाटी को आतंकवादियों का अड्डा बना दिया
कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में तंगडार के सामने नियंत्रण रेखा के पार नीलम घाटी गुलाम कश्मीर का जिला है। पाकिस्तान ने गुलाम कश्मीर को दो भागों में विभाजित करके रखा है। दरअसल पाकिस्तान प्रकृति के अपार सौंदर्य को समेटे नीलम घाटी और लीपा घाटी का इस्तेमाल कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए कर रहा है। पाक सेना नीलम घाटी से आतंकियों की घुसपैठ के अलावा भारतीय सेना और गांवों में सबसे अधिक गोलाबारी करता है। यहां आतंकी संगठनों जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा ने सबसे अधिक कैंप बनाए हैं।
हिंदुओं का आस्था केेंद्र शारदा पीठ यहीं है
नीलम घाटी में ही कई ऐसे रमणनीय स्थल हैं जहां आम लोगों और सैलानियों को जाने की अनुमति नहीं है। यहीं पर कश्मीरी पंडितों की आस्था का केंद्र शारदा पीठ भी है। हाल ही में एक पंडित परिवार ने गुलाम कश्मीर में आकर शारदा पीठ जाने की इच्छा जताई तो पाक सरकार कर ओर से मना कर दिया।
असली नाम किशनगंगा घाटी है
नीलम जिले का नाम पहले किशनगंगा घाटी था, जिसे पाक सेना ने बदलकर नीलम रख दिया गया। यह किशनगंगा नदी के किनारे 1981 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। लीपा घाटी भी पाक अधिकृत कश्मीर के हट्टियां बाला जिले में स्थित एक पर्वतीय घाटी है। नीलम और लीपा घाटी साथ जुड़े हैं। यह मुजफ्फराबाद से 105 किमी दूर रेशियां गली नामक पहाड़ी दर्रे के दूसरी पार है। आतंकियों के कैंप व पाक सेना की अधिक सक्रियता के चलते यहां सैलानी आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। यहां सबसे अधिक आतंकी कैंप हैं।