शिक्षक ट्रांसफर घोटाला: 1 अनुपस्थित छात्र के लिए 2 शिक्षक और...| SATNA MP NEWS

सतना। यह मध्य प्रदेश का शिक्षक ट्रांसफर घोटाला है। शिक्षा विभाग अकेला ऐसा विभाग है जो युक्तियुक्तकरण करता है। युक्तियुक्तकरण यानी छात्रों की बढ़ती घटती संख्या के अनुसार शिक्षकों की तैनाती करना। इस साल युक्तियुक्तकरण भी हुआ और तबादले भी लेकिन फिर भी कई स्कूलों में छात्रों की संख्या से ज्यादा शिक्षकों की तैनाती हुई है। एक स्कूल तो ऐसा है जहां केवल 1 छात्र रजिस्टर्ड है, वो भी नहीं आता, फिर भी वहां 2 शिक्षक तैनात किए गए हैं। 

गोबरा खुर्द प्राथमिक स्कूल: 1 छात्र के लिए शानदार भवन, 2 शिक्षक

यह मामला सतना का है। जिले के करीब 272 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर छात्रों की संख्या 20 से भी कम है और करीब 55 स्कूल ऐसे हैं जहां पर छात्रों की संख्या 10 भी नही है। जबकि इन विद्यालयों में टीचरों की भरमार है। सतना जिले का एक ऐसा ही स्कूल है गोबराव खुर्द, जहां शासन ने कक्षा 1 से 5 वीं तक पढ़ने के लिए भवन बनाया। भारी भरकम सेलरी में शिक्षक भी रखे, पर विद्यालय में बच्चे लाने में कामयाब नही हुए। यहां सरकारी रजिस्टर में 1 छात्र है पर विद्यालय में उसकी मौजूदगी नहीं है। इसके बाद भी विद्यालय में 2 शिक्षक हैं।

नागौद में 4 छात्रों पर एक शिक्षक, बिरसिंहपुर 2 छात्रों के लिए 1 शिक्षक

इसी तरह नागौद के विद्यालय में 16 बच्चे दर्ज हैं। जिसमें स्कूल केवल 8 आते हैं। इसके बाद भी शासन ने 4 शिक्षकों को पदस्थ किया है। ऐसा ही कुछ हाल है बिरसिंहपुर के प्राथमिक शाला का, जहां 10 बच्चों के लिए 4 शिक्षक पदस्थ है। कुल मिलाकर सरकारी लापरवाही के कारण सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है और विद्यालय के शिक्षक भी इसमे सरकारी पॉलिसी का दोष मानते है।

हर साल बढ़ रहा है बजट

सरकार शिक्षा पर हर साल बजट को बढ़ा रही है। वहीं सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या पिछले पांच सालों से लगातार कम हो रही है शिक्षा विभाग की लापरवाही से जिन विद्यालयों में छात्र नही वंहा शिक्षक की भरमार और जहां छात्र हैं वहां शिक्षक ही नहीं हैं। शिक्षक संघ के लोगों का मानना है कि शिक्षा विभाग की खराब पॉलिसी के कारण सरकारी स्कूलों का हाल ऐसा है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!