मप्र हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए SIT गठित, नेता और नौकरशाह बेनकाब होंगे

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने इंदौर में दर्ज किये गये हनी ट्रैप (मोहपाश) मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिये विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा यहां सोमवार को इस मामले में अधिकृत तौर पर बताया गया है कि इन्दौर के पलासिया पुलिस थाना क्षेत्र में 17 सितंबर को एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज किये गये मामले की जांच के लिये पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने एसआईटी गठित कर दी है। 

पुलिस महानिरीक्षक, (अपराध अनुसंधान) डी श्रीनिवास वर्मा लीड करेंगे

एसआईटी का गठन पुलिस मुख्यालय में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक, (अपराध अनुसंधान) डी श्रीनिवास वर्मा के नेतृत्व में किया गया है। पुलिस महानिदेशक ने इस घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। गौरतलब है कि पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षण इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर हनी ट्रैप गिरोह का खुलासा किया था। गिरोह की पांच महिलाओं समेत छह सदस्यों को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। नगर निगम अधिकारी ने पुलिस को बताया कि गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये। 

कई नेता और नौकरशाह रैकेट में शामिल

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक गिरोह पर संदेह है कि वह राजनेताओं और नौकरशाहों समेत कई प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसा चुका है। इस बारे में विस्तृत जांच जारी है। गिरोह के गिरफ्तार आरोपियों में श्वेता विजय जैन के अलावा, आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और उनका चालक ओमप्रकाश कोरी शामिल हैं।

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