इंदौर। SANJIVANI CREDIT COOPERATIVE SOCIETY LIMITED निवेशकों के करोड़ों रुपए की ठगी करकरे फरार हो गई। इसके लॉकर में मात्र 146 रुपए के सिक्के मिले हैं। शायद इस तरह से जालसाजों ने सरकार के सामने चुनौती पेश की है कि इस मामले की जांच के बाद सरकार के हाथ भी चिल्लर ही रह जाएगी। सहकारिता विभाग ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव संस्था का कार्यालय सील कर दिया है।
सहकारिता अधिनियम की धारा-60 के तहत जांच की जाएगी
संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव संस्था पर मालवा और निमाड़ क्षेत्र में करीब आठ हजार जमाकर्ताओं और 2500 अभिकर्ताओं से करोड़ों रुपए बटोरकर भागने का आरोप है। संस्था कार्यालय में कई दस्तावेज भरे पड़े हैं, लेकिन इसमें से अभी कुछ ही दस्तावेज लिए गए हैं। बाकी दस्तावेज के लिए जब्ती अधिकारी नियुक्त किया जा सकता है। संस्था में बड़े पैमाने पर घपले की आशंका के कारण सहकारिता अधिनियम की धारा-60 के तहत इसकी समग्र जांच की जाएगी।
सहायक आयुक्त दीपाली खंडेलवाल ने टीम लीड की
सहायक आयुक्त दीपाली खंडेलवाल के नेतृत्व में गठित जांच दल शुक्रवार को कंचन सागर बिल्डिंग पहुंचा। संस्था के जिन कर्मचारियों ने शिकायत की थी, उन्हीं के पास कार्यालय की चाबी थी। जांच अधिकारियों ने इन कर्मचारियों से कार्यालय का ताला खुलवाया। इसके बाद सभी की उपस्थिति में जांच दल के अधिकारी संजय कौशल, एमएम श्रीवास्तव ने लॉकर का ताला खुलवाया।
लॉकर में कुल 146 रुपए की चिल्लर ही मिली
जिस संस्था में करोड़ों का लेनदेन होता था, उसके लॉकर में कुल 146 रुपए की चिल्लर ही मिली। बाद में जांच अधिकारियों ने संस्था पर अपना ताला लगाकर संयुक्त आयुक्त के आदेश से कार्यालय के शटर पर नोटिस चस्पा कर दिया। नोटिस पर लिखा गया है कि किसी भी व्यक्ति ने कार्यालय का ताला खोलने की कोशिश की तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।