नई दिल्ली। भारतीय रेल पूरी तरह से कार्पोरेट कंपनी बन चुकी है। यात्री अब उसके लिए ग्राहक हैं। कभी फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लाकर ग्राहकों की मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश करती है तो कभी निजीकरण के नाम पर खर्चे कम करती नजर आती है। इस बीच यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। अब ट्रेन में कोई भी टिकट वेटिंग नहीं होगा। हर टिकट कंफर्म हो जाएगा।
मालगाड़ियों के कारण यात्री रेल गाड़ियों को परेशानी नहीं होगी
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक रेलवे अगले 4 साल में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर “मांग के आधार पर” यात्री रेलगाड़ियां चलाने की तैयारी में है। यह रेलगाड़ियां वेटिंग लिस्ट के झंझट से मुक्त होंगी। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने जानकारी दी है। वीके यादव के मुताबिक समर्पित माल गलियारे(DFC) के 2021 तक बनने के बाद ऐसा हो सकेगा। इन दो मार्गों पर समर्पित माल गलियारे का निर्माण 2021 तक पूरा होने से मालगाड़ियां मौजूदा रेललाइनों से हट जाएंगी, जिससे उन पर अधिक यात्री रेलगाड़ियां चलाई जा सकेंगी।
मनचाही रेल गाड़ियां चलाई जा सकेंगी
यादव ने बताया कि उत्तर-दक्षिण (दिल्ली-चेन्नई), पूर्व-पश्चिम (मुंबई-हावड़ा) और खड़गपुर-विजयवाड़ा समर्पित माल गलियारे पर काम चल रहा है और अगले एक साल के भीतर लोकेशन सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। ये DFC करीब 6,000 किलोमीटर लंबे होंगे और इन्हें अगले 10 साल में पूरा किया जाएगा। वीके यादव के मुताबिक जब ये काम हो जाएगा, हमारे पास बहुत अधिक क्षमता होगी और हम कई रेलगाड़ियां चला सकेंगे।
इसके साथ ही निजी संचालकों की मदद से देश में 160 किलोमीटर प्रति किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाले आधुनिक डिब्बे उपलब्ध कराने की कोशिश होगी।