भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भोपाल में लोगों के घरों में बारिश का पानी घुस रहा है। ऐसे में प्रशासन ने स्कूल और कॉलेज बंद करने का निर्णय लिया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मध्यप्रदेश के कई क्षेत्रों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। SkymetWeather की ओर से कहा गया है कि अगले तीन-चार दिनों तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, गुना, सागर, ग्वालियर और मुरैना सहित कई इलाकों में बारिश से राहत नहीं मिलेगी। नदी नालों में बाढ़ के हालात बने रहेंगे।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, गुना, सागर, ग्वालियर और मुरैना खतरे में
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मध्य प्रदेश आने वाले दिनों में भी देश में सबसे अधिक बारिश पाने वाला राज्य बना रहेगा। कई जिलों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थितियाँ बनी रहेंगी जिससे सामान्य जन-जीवन प्रभावित होगा। अनुमान है कि अगले तीन-चार दिनों तक भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, गुना, सागर, ग्वालियर और मुरैना सहित कई इलाकों में अगले तीन-चार दिनों तक बाढ़ जैसे बारिश से राहत नहीं मिलेगी।
पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश जारी रहेगी
इस समय एक निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भागों पर पहुंचा है। साथ ही मॉनसून ट्रफ भी राजस्थान से मध्य प्रदेश होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। इन दोनों मौसमी सिस्टमों के कारण ही मध्य प्रदेश पर मॉनसून का उग्र रूप देखने को मिल रहा है और अनुमान है कि अगले तीन-चार दिनों तक पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में मूसलाधार बारिश ऐसे ही जारी रहेगी।
रीवा, सतना, सागर, पन्ना, छतरपुर और खजुराहो को फायदा होगा
गौरतलब है कि उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश में रीवा, सतना, सागर, पन्ना, छतरपुर और खजुराहो सहित कई इलाकों में अब तक मॉनसून वर्षा काफी कम हुई थी। ऐसे में अगले कुछ दिनों के दौरान अच्छी बारिश से इन क्षेत्रों को फायदा होगा। गर्मी से राहत मिलेगी और पानी की कमी की भरपाई होगी। लेकिन पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश जुलाई से ही लगातार तेज़ बारिश की गिरफ्त में है ऐसे में यहाँ और बारिश मुसीबतें बढ़ा सकती है।
दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश अपेक्षाकृत कम होगी
दूसरी तरफ जबलपुर, मांडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा सहित दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश अपेक्षाकृत कम होगी। लेकिन राज्य के ज़्यादातर इलाकों में लंबे समय से हो रही बारिश के कारण मध्य प्रदेश के अधिकांश डैम भर चुके हैं। कुछ डैम में क्षमता से अधिक पानी भर गया है जिससे उनके गेट खोले जा सकते हैं। अगर ऐसा किया गया तो निचले इलाकों में बाढ़ आफत बन सकती है।
भोपाल में घरों में घुसा पानी
सबसे ज्यादा बुरा हाल भोपाल और विदिशा का है, जहां बारिश का पानी कई घरों में पानी घुस गया है। वहीं, मंडला जिले में रिकॉर्ड 134 मिली मीटर बारिश हुई। सीहोर में पार्वती नदी उफान पर है। बारिश की वजह से जबलपुर में नर्मदा नदी पर बना बरगी बांध पानी से लबालब हो गया। इस कारण बांध के 21 गेट खोले गए। बारिश की वजह से काफी जगह सड़क और पुल पानी में डूब गए हैं।
बारिश ने रामपुरा में कोहराम मचाया
मूसलधार बारिश ने रामपुरा में कोहराम मचा दिया। दो घंटे से अधिक हुई मूसलधार बारिश से नगर की सड़कों पर पानी ही पानी हो गया। नगर के लाल बाग क्षेत्र में दुकानों और घरों के सामने बाइकें बहने की सूचना भी है। हालांकि नागरिकों की सजगता से पानी में बही बाइकों को थाम लिया गया। वहीं दूसरी और नीमच में दिनभर बादल छाए रहे। इस दौरान हल्की बारिश भी हुई।
तलाऊ-भदाना मार्ग बाधित
तलाऊ-भदाना और आसपास के क्षेत्रों में रविवार को जोरदार हुई। इससे निचले स्थानों पर जलजमाव के हालात बने। क्षेत्र में तलाऊ-भदाना मार्ग भी बरसाती नाले में उफान आने से बंद हो गया। रविवार को मनासा विकासखंड के कु कड़ेश्वर व नजदीकी क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। बरसाती नाले में उफान आने से तलाऊ-भदाना मार्ग बाधित हो गया। रपट करीब तीन घंटे से अधिक समय तक डूबी रही। इसके कारण ग्रामीणों की भीड़ रपट के दोनों और कि नारें पर लगी रही। वे पानी के कम होने का इंतजार करते रहे।
मनासा में जोरदार बारिश, जनजीवन प्रभावित
मनासा में रविवार को जोरदार बारिश हुई। इससे जलजमाव के हालात बने और जनजीवन प्रभावित होता नजर आया। सड़कों पर पानी भरने से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। नगर में रविवार दोपहर करीब 2.30 बजे जोरदार बारिश की शुरुआत हुई। काफी देर तक जोरदार मूसलधार बारिश होती रही। इससे नगर के प्रमुख मार्गों पर जलजमाव के हालात बने।