जबलपुर। नया मोटर व्हीकल एक्ट भले ही मध्य प्रदेश में लागू नहीं हुआ लेकिन इसके कारण लोगों में जागरुकता आई और वो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आगे आए। परिवहन विभाग को चाहिए था कि वो तत्काल अतिरिक्त इंतजाम करते और ज्यादा से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बनाते परंतु यहां तो आरटीओ ने उल्टा कर दिया। हर रोज कतार लम्बी होती जा रही है। नतीजा दलाल सक्रिय हो गए। यदि आप 1000 रुपए देने को तैयार हैं तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस 7 दिन में आपके हाथ में होगा, नहीं तो लाइन में लगे रहिए।
पहले 1 दिन में अपाइटमेंट मिलता था अब 10 दिन बाद का दिया जा रहा है
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में इन दिनों वाहन चालकों के पसीने छूट रहे हैं। लाइसेंस के लिए आज फार्म भरने पर फोटो खिंचवाने की तारीख (अपाइटमेंट) एक सप्ताह बाद मिल रही है। इससे पहले आरटीओ कार्यालय में एक दिन में ही वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनकर मिल जाते थे। वहीं अब 8 से 10 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि पहले के मुकाबले लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या करीब दो गुना तक बढ़ गई है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट ने लोगों को जागरुक कर दिया
दरअसल केन्द्र सरकार ने 1 सितंबर से मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर वाहन चलाने के नियम कड़े कर दिए हैं। नियम तोड़ने पर भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में भले ही अभी संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है, लेकिन एक्ट में बिना लाइसेंस वाहन चलाने, हेलमेट, सीट बेल्ट सहित अन्य नियमों का पालन न करने पर 5 हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए तक का जुर्माने का जो प्रावधान किया गया है उससे वाहन चालकों में समय रहते ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, नवीनीकरण कराने सहित अन्य दस्तवेज बनवाने की होड़ मच गई है।
सर्वर स्लो कर दिया ताकि लोग परेशान हो जाएं
आरोप लगाया जा रहा है कि परिवहन विभाग ने इसे कमाई का मौका मानकर काम शुरू किया है। सर्वर स्लो कर दिया गया है ताकि ऑनलाइन फार्म में लोगों को दिक्कतें आए। पूछने पर आधिकारिक तौर पर बताया जा रहा है कि ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन के लिए मध्यप्रदेश परिवहन विभाग के सर्वर पर भी जबर्दस्त दबाव पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में काम का दबाव बढ़ने से सर्वर धीमा चलने लगा है और आवेदकों के फार्म भी नहीं भर पा रहे हैं। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि सर्वर की स्पीड बढ़ाना 5 मिनट का काम है। यदि सरकारी लिखा पढ़ी की बात भी करें तो यह अधिकतम 2 दिनों का काम है।
आरटीओ के पास कोई समाधान नहीं समाधान नहीं
संतोष पाल, आरटीओ का कहना है कि मोटर व्हीकल एक्ट में किए बदलाव से वाहन चालकों में जागरूकता आई है। रोजाना बड़ी संख्या में आवेदक लाइसेंस बनवाने आ रहे हैं। इसलिए अपाइंटमेंट की वेटिंग मिल रही है।