ग्वालियर को बादलों ने घेरा, मूसलाधार बारिश, सड़कों पर पानी भरा | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। रविवार की शाम से हो रही बारिश ने सोमवार को सुबह से ऐसा जोर पकड़ा कि बारिश की मार के चलते दिन में अंधेरा छा गया। वाहनों की लाइटें जलाने की नौबत आ गई और सुबह स्कूल पहुंचने वाले या तो स्कूल भीगते हुए पहुंचे या फिर घरों से बाहर निकलना ही उचित नहीं समझा। ग्वालियर में बारिश उस वक्त हो रही है जब मानसून पूरे देश से विदा लेने की देहरी पर खड़ा है। इस ताबड़तोड़ बारिश की वजह राजस्थान के पश्चिमी इलाके में बना सिस्टम है और मौसम विभाग का कहना है कि अगले चौबीस घंटे ग्वालियर में बारिश के आसार बने हुए हैं।

आसमान में छाईं काली घटाओं ने जब बरसना शुरू किया तो मौसम पूरी तरह सुहावना हो गया लेकिन अब यही बारिश आफत का कारण बनती जा रही है पूरी रात हुई बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा जिसके चलते आज पूरा शहर पानी-पानी हो गया है। आलम यह है कि शहर की सडक़ों पर वाहन निकालना भी मुश्किल हो रहा है खासकर निचले इलाकों में तो हालत और अधिक बदतर हैं। 

तिघरा के चार गेट और खोले गए

इस मानसून सीजन में तिघरा के गेट रविवार को फिर खोले गये। तिघरा में लगातार पानी पहुंचने के कारण 24 घण्टे के अंदर फिर तिघरा के गेट खोलने की नौबत आ गई। रविवार को तिघरा के तीन गेट खोले गए थे तो आज सोमवार को चार गेट खोलने की नौबत आ गई। माह सिंतबर में अभी तक ग्वालियर में 267 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है।

शहर में कई जगह बने बाढ़ जैसे हालात

शहर के निचले इलाकों व नाले किनारे बाढ़ जैसे हालात बन गए। यहं लगातार बरसात के कारण पानी लोगों के घरों में भर गया। तारागंज और आपागंज में लोगों को अपना सामान छतों पर ले जाकर रखना पड़ा। इधर ढोली बुआ का पुल के समीप बने मकानों के साथ ही भूरे बाबा की बस्ती, निम्बाजी की खोह, मेवाती मौहल्ला, शिंदे की छावनी, पारदी मौहल्ला मे में भी पानी लोगों के घरों में घुस गया। चंकि इस बार नगर निगम द्वारा आपात नियंत्रण कक्ष तक तैयार नहीं किया गया है। ऐसे में लोगों को खुद ही इन दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। उधर संजय नगर, रामाजी का पुरा में दो मकानों के भी ढह जाने की खबर है। उधर कई दुकानों में भी पानी भरने से दुकानदार परेशान हुये।

जमकर उठाया सैलानियों ने लुत्फ

मौसम के मिजाज बदलते ही लोगों ने आज मंडे जमकर मनाया। ऐसे में सुबह होते ही लोग अपने दो पहिया और चार पहिया वाहनों से परिवार और मित्रों के साथ तिघरा पहुंचना शुरू हो गए। मस्ती का आलम यह था कि लोग तेज पानी की भी परवाह नहीं कर रहे थे, वहीं उनके भीतर तिघरा के गेटों से निकलते पानी को साक्षात देखने का रोमांच भी खींच रहा था। यहां सुबह से ही काफी भीड़ जमा हो गई थी, लेकिन जब पानी थोड़ा हल्का हुआ तो फिर यहां लोगों को बैठने तक का स्थान नहीं मिल रहा था। बोटिंग का भी लोग जमकर लुफ्त उठा रहे थे।

स्कूली बच्चे रहे परेशान

आज बारिश होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को उठानी पड़ी, हालत यह थी कि बच्चों के अभिभावक बारिश में भीगते हुए स्कूली वाहनों का इंतजार चौराहे पर खड़े होकर कर रहे थे, जो बच्चे हर रोज स्कूल पैदल जाते हैं वह छत्री और रेनकोट का सहारा लेकर स्कूल पहुंचे, जिससे वह भीग भी गए। अभिभावक भी परेशान नजर आये। झमाझम बारिश के कारण कई स्कूलों में पानी भर गया जिस कारण बच्चों को क्लासरूम तक पहुंचने के लिये परेशान होना पड़ा। गजराराजा स्कूल कैम्पस में पानी भरा गया जिससे बच्चों को अच्छी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पानी की निकासी न होने के कारण चौराहे व मार्ग हुए जलमग्न

पानी की निकासी न होने के कारण शहर के अनेक मुख्य चौराहे व मार्ग जलमग्न हो गए और तालाब जैसी स्थिति बन गई। जिससे लोगों को बहेद परेशानी का सामना करना पड़ा। छप्पर वाला पुल, नौगजा रोड, फूलबाग रोड, अचलेश्वर रोड, नई सडक़, जनकगंज जीवाजीगंज, नवग्रह कालोनी, जेल रोड, विनय नगर, नदी पार टाल सात नंबर चौराहा, माधवगंज आदि जगहों पर पानी भर जाने से वाहनों को यहां से वापस लौटना पड़ा या फिर फंस गये। यहां फंसे वाहनों की सवारियों को पैदल ही उतर कर जाना पड़ा। उधर दौलतगंज में भी पानी भर गया इसका वेग इतना तेज था कि लोगों की दुकानों और मकानों तक में भर गया।
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