बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी 100% सुरक्षित नहीं होते: क्या आप जानते हैं

ज्यादातर लोग कम ब्याज दर होने के बावजूद अपने जीवन भर की बचत बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कर देते हैं। केवल इसलिए कि बैंक में रखे पैसे की गारंटी मानी जाती है। कम ही सही ब्याज मिलेगा, धोखा नहीं होगा और सबसे बड़ी बात यह कि जिंदगी भर की बचत बैंक में सुरक्षित है। परंतु क्या आप जाते हैं 'बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भी 100% सुरक्षित नहीं होते।'

PMC BANK यदि दिवालिया हो जाता तो क्या होता

पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC BANK) पर मंगलवार 24 सितम्बर 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक ने छह माह का प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध के बाद बैंक के खाताधारक अगले छह माह तक केवल एक हजार रुपये निकाल सकेंगे। फिलहाल इस बैंक में खाताधारकों की जमा रकम पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन आरबीआई के नियमों के अनुसार, अगर देश में कार्यरत कोई भी बैंक दिवालिया होता है तो फिर केवल ग्राहकों को अधिकतम एक लाख रुपये ही वापस मिलेगा। चाहे उनके खाते या एफडी में 1 लाख से अधिक कितनी भी रकम क्यों ना हो। 

बैंक का लाइसेंस रद्द हुआ तो पूरी रकम डूब जाएगी

आरबीआई के नियमों के अनुसार, अगर बैंक का लाइसेंस किसी कारण से रद्द होता है तो फिर ग्राहकों की जमा रकम के वापस मिलने पर किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं होगी। बैंक का लाइसेंस रहने तक, अगर किसी कारण से बैंक डूब जाता है, तो फिर केवल एक लाख रुपया ही प्रत्येक खाताधारक को मिलेगा। मान लीजिए आपका किसी बैंक में किसी भी तरह का खाता है और उसमें 10 लाख रुपया जमा है। बैंक के दिवालिया होने की स्थिति में आपको केवल एक लाख रुपया ही मिलेगा। बाकी का नौ लाख रुपया डूब जाएगा।

यदि 1 लाख रुपए से कम रकम है तो क्या होगा

वहीं अगर खाते में एक लाख रुपये से कम राशि जमा है, तो फिर नियमों के अनुसार बैंक आपको उतनी रकम वापस करेगा। खाते में एक रुपये से लेकर के एक लाख रुपये जमा होने पर बैंक आपको पूरी राशि वापस करेगा। वैसे अभी तक इस तरह की स्थिति किसी बैंक में आई नहीं है। 

यह है नियम

आरबीआई के स्वामित्व वाली डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन के नियम के अनुसार देश में कार्यरत सभी बैंकों का बीमा होता है। यह बीमा खाताधारकों की जमा रकम पर भी है। हालांकि अगर बैंक का लाइसेंस रद्द हो जाता है तो फिर किसी तरह का बीमा खातों पर प्रभावी नहीं होगा। यह नियम सभी सरकारी, निजी और कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू है। 

आरबीआई ने कार्रवाई क्यों और किस नियम के तहत की

अनियमितता बरतने के आरोप में भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई स्थित पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी बैंक पर छह महीने का प्रतिबंध लगाया है। आरबीआई ने कार्रवाई बैंकिग रेलुगेशन एक्ट, 1949 के सेक्शन 35ए के तहत की है। प्रतिबंध सेक्शन 35 A के तहत लगाया गया है। 

11 हजार करोड़ रकम, छह राज्यों में 137 शाखाएं

पीएमसी कोऑपरेटिव बैंक के पास फिलहाल 11 हजार करोड़ रुपये जमा है। देश के छह राज्यों महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गोवा, गुजरात और मध्य प्रदेश में इस बैंक की कुल 137 शाखाएं हैं। बैंक के पास फिलहाल 8,383.33 करोड़ का लोन है। फिलहाल बैंक का लाइसेंस रद्द नहीं किया गया है।

आरबीआई ने कहा है कि बैंक अगले आदेश तक अपना बैंकिंग कार्य जारी रख सकता है। बैंक अपनी किसी संपत्ति को बेच नहीं सकता है। बैंक कोई भी नया लोन जारी नहीं कर सकता है और न ही पुराने लोन को फिर से नवीनीकरण कर सकता है। 

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