नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने तय किया है कि कर्मचारी सरकारी हो या प्राइवेट यदि वो अनुसूचित जाति या जनजाति का है तो उसके कर्मचारी भविष्य निधि खाते में सरकारी योगदान समान रहेगा। यानी अब निजी क्षेत्र के (SC-ST) कर्मचारियों को भी सरकारी कर्मचारी के समान अंशदान प्राप्त होगा।
सरकार ने SC-ST कर्मचारियों की मांगी जानकारी
केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक सर्वे शुरू किया है। इसमें इपीएफओ में अंशदान के करने वाली विभिन्न कंपनियों के अनुसूचित जाति और जनजाति से ताल्लुक रखने वाले कर्मचारियों की जानकारी मांगी गई है। निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी इसमें शामिल किया गया है। यह सर्वे नीति आयोग द्वारा संचालित किया जा रहा है।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र कर्मचारी (SC/ST) होंगे शामिल
शुरूआत में इसमें सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों यानी पीएसयू को शामिल किया गया था, लेकिन अब इसके दायरे में निजी कंपनियां भी आएंगी। क्षेत्रीय प्रॉविडेंट फंड कार्यालयों की ओर से कंपनियों से एक खास फॉर्मेट में एससी-एसटी कर्मचारियों से जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएफ खाते में कंपनी की ओर से दिया जाने वाला अंशदान पहले की तरह जारी रहेगा, वहीं सरकार SC/ST कर्मचारियों की ओर से ईपीएफओ में अंशदान करेगी। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए इस सर्वे को पर नीति आयोग बीते कुछ साल से विचार करता रहा है।