प्राइवेट स्कूल 10% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते: हाईकोर्ट | Private schools cannot increase fees more than 10%: High Court

जबलपुर। एक अहम फैसले में हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा है कि जब तक राज्य सरकार नया कानून नही बनाती, तब तक प्राईवेट स्कूलों द्वारा एक सत्र में दस प्रतिशत से ज्यादा फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने यह फैसला उस जनहित याचिका पर दिया, जिसमे प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों द्वारा हर साल फीस में मनमानी बढोत्तरी किये जाने को चुनौती दी गई थी। 

यह जनहित याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपाण्डे और डॉ एमए खान की ओर से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि मप्र सरकार ने विगत 25 जनवरी 2018 को मप्र निजी विद्यालय फीस अधिनियम को राजपत्र में प्रकाशित करके उसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया था। आरोप है कि इस अधिनियम के नियम न बनने के कारण उसे कार्यान्वित करना संभव नहीं है। 

सरकार ने सिर्फ एक साल के लिए नियम बनाए, लेकिन उसके बाद से लगातार हीलाहवाली की जा रही, जिससे अभिभावकों को हर साल निजी स्कूलों की मनमानी फीस भरने मजबूर होना पड़ रहा है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय की दलीलों पर गौर करने के बाद युगलपीठ ने अंतरिम आदेश देते हुए सरकार को जवाब पेश करने की मोहलत दी और मामले की सुनवाई 4 सप्ताह के लिए मुल्तवी कर दी।
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