भोपाल। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने इस बार कक्षा 10वीं के लिए मैथ्स को इस सेशन से दो लेवल बेसिक और स्टैंडर्ड में डिवाइड किया है। बोर्ड ने साथ ही ये भी कहा कि स्टैंडर्ड मैथ्स पेपर नहीं देने पर स्टूडेंट्स कक्षा 11वीं में मैथ्स चूज नहीं कर सकते। बोर्ड ने स्टूडेंट्स में मैथ्स फोबिया दूर करने के लिए यह कदम उठाया।
पिछले साल 78% रिजल्ट था
2018 के सीबीएसई 10वीं बोर्ड में मैथ्स के परिणाम पर गौर करें तो औसतन 78% रिजल्ट था, यानी 100 में से 70 मार्क्स लाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा थीं। 30% स्टूडेंट्स ऐसे थे जिनके 100 में से 90 मार्क्स से ज्यादा आए थे।
सैपरेट होगा एक्जाम
बोर्ड ने बेसिक और स्टैंडर्ड दोनों का एक्जाम सैपरेट करने का फैसला लिया है। एक्सपर्ट का कहना है कि स्टूडेंट्स में किसी तरह का कंफ्यूजन ना हो इसलिए एक्जाम सैपरेट होगा। जिससे स्टूडेंट्स की परेशानी कम होगी। स्टूडेंट्स जिस लेवल की मैथ्स को चूज करेंगे, वही मार्कशीट में शामिल किया जाएगा।
क्या है बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स?
बोर्ड ने साफ किया कि मैथेमेटिक्स का सिलेबस चेंज नहीं होगा। सिलेबस एक ही होगा, लेकिन दोनों के पेपर का डिफिकल्टी लेवल चेंज होगा। बेसिक मैथ्स पेपर आसान होगा स्टैंडर्ड मैथ्स पेपर का डिफिकल्टी लेवल हाई होगा और कॉन्सेप्ट बेस्ड होगा। इसलिए बोर्ड ने स्टूडेंट्स को एडवाइज किया है कि मैथ्स में वीक स्टूडेंट्स बेसिक को ही करें।
एक्जाम कंट्रोलर ने इस बात को साफ किया है कि बेसिक के आधार पर छात्र 11वीं और 12वीं में मैथ्स को आप्ट नहीं कर सकेंगे। बेसिक में अच्छे मार्क्स आए और वे 12वीं में मैथ्स लेना चाहते हैं तो उनको 10वीं के कंपार्टमेंट एक्जाम में स्टैंडर्ड मैथ्स पेपर देना होगा। इसके बाद ही स्टूडेंट्स मैथ्स को आप्ट कर सकेंगे।