मप्र में सहकारिता को फिर से शक्तिशाली बनाएंगे: मंत्री डॉ. गोविंद सिंह | MP NEWS

भोपाल। सरकार प्रदेश में सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने का कार्य कर रही है। मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बुनकर संघ, मध्यप्रदेश राज्य सहकारी औदयोगिक संघ एवं मध्यप्रदेश राज्य सहकारी मुद्रणालय संघ बुनकरों, छोटे व्यवसायियों, शिल्पियों आदि को सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सुदृढ बनाने के उद्देश्य से बनाये गये थे, परंतु गत वर्षों में इनकी स्थिति अच्छी नहीं रही है। मध्यप्रदेश राज्य बुनकर सहकारी संघ तो परिसमापन की स्थिति में आ गया है। सरकार बुनकर संघ को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेगी। साथ ही औद्योगिक सहकारी संघ एवं मुद्रणालय सहकारी संघ को भी सशक्त बनाया जायेगा।

सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने आज मंत्रालय में बुनकर संघ, औद्योगिक संघ एवं मुद्रणालय संघ की बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिये। उन्होंने सहकारिता आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल से कहा कि प्रदेश में सक्रिय रूप से अच्छा कार्य कर रही सहकारी समिति के सदस्यों से चर्चा कर आगामी कार्यवाही की जाये। प्रदेश में 524 बुनकर सहकारी समितियाँ हैं, जिनमें चंदेरी एवं महेश्वर आदि की 10-15 समितियों को छोड़कर शेष की स्थिति अच्छी नहीं है।

2000 की साड़ी 8000 में बिकती है

सहकारिता आयुक्त श्री एम.के. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में बनने वाली चंदेरी एवं महेश्वर की सा‍ड़ियाँ दिल्ली एवं बम्बई में 7 से 8 हजार रूपये कीमत में बिकती हैं, जबकि प्रदेश के बुनकरों को इनका 1500 से 2000 रूपये तक मूल्य मुश्किल से मिलता है। आवश्यकता है हमारे बुनकरों को विपणन में सहयोग की। अच्छी मार्केटिंग से ही अच्छा मूल्य मिल सकेगा।

एक जैसा नाम रखकर शासकीय आदेश लिये, एफआईआर दर्ज करायें

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कतिपय संस्थाएँ राज्य सहकारी संघों से मिलता-जुलता नाम रखकर अवैध रूप से शासकीय खरीदी आदेश प्राप्त कर रही हैं। बिट्टन मार्केट भोपाल की ऐसी ही एक संस्था ने 'राज हाथकरघा बुनकर सहकारीएम्पोरियम' नाम रखकरशासकीय खरीदी का आदेश प्राप्त कर लिया। नाम में 'सहकारी' शब्द का उपयोग मध्यप्रदेश सरकारिता अधिनियम के अंर्तगत पंजीकृत संस्थाएँ ही कर सकती हैं। मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए ऐसी संस्थाओं के विरूद्ध तुरंत एफआईआर करवाने के निर्देश दिये।

आत्म-निर्भर बने सहकारी समितियाँ

मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता आंदोलन की सफलता के लिये यह आवश्यक है ‍कि सभी सहकारी समितियाँ बाजार की आधुनिक तकनीकी से परिचित हों, उनका इस्तेमाल करें तथा आत्म-निर्भर बनें। उन्हें आवश्यक सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी, परन्तु वे केवल उस पर ही निर्भर न रहें।

तुरंत टेकओवर करें

डॉ. सिहं ने मध्यप्रदेश राज्य मुद्रणालय सहकारी संघ के गवर्निंग बोर्ड का कार्यकाल काफी समय पहले समाप्त होने की जानकारी मिलने पर बोर्ड को तुरंत टेकओवर कर विभागीय प्रबंधक नियुक्त करने को कहा।
बैठक में राज्य सहकारी बुनकर संघ के परिसमापक श्री एस.एस. सिकरवार, औद्योगिक सहकारी संघ के प्रबंधक श्री आर.के. शर्मा, मुद्रणालय संघ के प्रबंधक श्री राजेन्द्र चतुर्वेदी, अपर आयुक्त सहकारिता श्री ए.के. दीक्षित, संयुक्त आयुक्त सहकारिता श्री ए.एस. सेंगर आदि उपस्थित थे।

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