भोपाल। राज्य शासन द्वारा अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों तथा अन्य संविदा कर्मियों के संगठनों से प्राप्त अभ्यावेदनों के निराकरण के लिये गठित मंत्रि-परिषद समिति की सहायता के लिये पूर्व में गठित उप समिति में संशोधन कर नई समिति बनाई गई है। बता दें कि फरवरी 19 में समिति बनाई गई थी जिसे 3 महीने में प्रतिवेदन देना था। (A new committee has been formed by amending the previously formed sub-committee to assist the cabinet council committee constituted for resolving representations received from the organizations of guest teachers, employment assistants and other contractual workers. Explain that a committee was formed in February 19 to report in 3 months.)
नई समिति में क्या बदला गया है
इस समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन को अध्यक्ष तथा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा तथा संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव को सदस्य बनाया गया है। यह समिति ऐसे अभ्यावेदनों पर विचार करेगी जो स्थायीकरण और अन्य माँगों से संबंधित है तथा जिनसे शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आयेगा।
फरवरी मेें पहली समिति गठित हुई थी
राज्य शासन द्वारा फरवरी 2019 में अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों और अन्य संविदा कर्मचारियों के संगठनों से प्राप्त अभ्यावेदन, जो उनके स्थायीकरण और अन्य माँगों से संबंधित हैं और जिनमें वित्तीय भार निहित नहीं है, पर विचार कर निर्णय लेने के लिये मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया गया था। समिति के अध्यक्ष सामान्य प्रशासन मंत्री श्री गोविंद सिंह बनाए गए थे। समिति में जनजातीय कार्य, विमुक्त, घुमक्कड़, जनजातीय कल्याण मंत्री श्री ओंकार सिंह मरकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री तरुण भनोत, सदस्य बनाए गए थे। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संयोजक और प्रमुख सचिव वित्त सदस्य थे। समिति को 3 माह में अपना प्रतिवेदन देना था। अब 7 महीने बाद फिर से एक समिति बना दी गई है।