यदुनाथ सिंह परमार। आज भोपाल के पी एन्ड टी चौराहे पर शराब की दुकान पर यह नया होर्डिंग देखा जिसमे विराट कोहली बैट से शॉट मारते हुए दिख रहे है और स्लोगन लिखा हुआ है " मेक ए बोल्ड स्टेप"।
मैं पूछना चाहता हूं जिम्मेदारों से कि क्या ऐसा विज्ञापन बाल मन को आकर्षित नही होंगे ? क्या वो यह नहीं सोचेंगे कि विराट कोहली भी शराब पीता है और अगर मैं भी शराब पियूँगा तो विराट कोहली जैसा हो जाऊंगा। आज जो बच्चों के नशे शुरू करने की औसत उम्र 18 की जगह 12 रह गयी है उसका सबसे बड़ा कारण इस तरह के भ्रामक आकर्षित करने वाले विज्ञापन ही है।
जो बच्चे कम उम्र में नशा करना शुरू करते है वे अधिकांशतः इसमें गहरे फंस जाते है। देश में शराब से प्रति वर्ष 5 लाख मौतें हो रही है। शराब के कारण आजकल युवा अवस्था लगभग औसत 28 साल की छोटी उम्र में हार्ट अटैक आने लगे है।
अब समय आ गया है कि इससे पहले की एडिक्शन की बीमारी महामारी बन जाये समाज का कर्तव्य है कि वो अपनी ज़िम्मेदारी तय करे और जो प्रचार बच्चों पर गलत प्रभाव डालता है उसका विरोध करें, ये समाज और देश को क्या दे रहे है जरा सोचें।