ग्वालियर। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए आने वाले खाने को मत बेचना, आए दिन जब ऐसी खबरें आती हैं तो बड़ा दुख होता है। इन बच्चों के खाने को बेचकर आने वाले पैसे से कुछ भला नहीं हो सकता है। विभाग की और हमारी बड़ी बदनामी होती है। भगवान आपको भी सब देगा, जैसे मैं मंत्री बनी और आज एक लाख रुपया मेरी तनख्वाह है। बताओ अच्छे अच्छों और पढ़े लिखों की इतनी तनख्वाह नहीं होगी तो हमें भी सब मिला। बच्चों की आत्मा भूखी रहती है और इस छोटी उम्र में इन्हें आंगनबाड़ियों में अच्छा खाना नहीं मिलेगा तो कैसे विकास होगा।
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी की यह पीड़ा बतौर मुख्य अतिथि उनके वक्तव्य में थी। बुधवार को वे एलएनआईपीई में 313 बाल शिक्षा केंद्रों के राज्यस्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। कार्यक्रम में विशेष रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन, महिला एवं बाल विकास के आयुक्त एमबी ओझा, विधायक मुन्नालाल गोयल, कलेक्टर अनुराग चौधरी, एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनसिंह परमार, कांग्रेस शहर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, ग्रामीण अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, जेडी सुरेश तोमर, डीपीओ राजीव सिंह, जिला सशक्तिरण अधिकारी शालीन शर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
इस दौरान बाल शिक्षा केंद्रों में दिए जाने वाले पाठयक्रम का भी विमोचन किया गया। इससे पहले मंत्री इमरती देवी व अधिकारियों ने न्यू रेशम मिल स्थित बाल शिक्षा केंद्र का फीता काटकर शुभारंभ किया। यहां बच्चों से बात की और चॉकलेट भी दी। अटल बाल पालक के रूप में धर्मेंद्र श्रीवास्तव, संध्या त्रिपाठी, हेमंत निगम और जीडी लड्डा का सम्मान हुआ।
उद्बोधन के दौरान मंत्री इमरती देवी ने मुस्कुराते हुए कहा कि अब मैं किसी भी आंगनबाड़ी केंद्र पर जा सकती हूं, फिर मत कहना कि क्या हो गया। कलेक्टर कार्रवाई करें तो छोटों पर कार्रवाई होती है, एसपी करें तो सिपाही सस्पेंड हो जाते हैं, अब मैं छोटों पर गाज नहीं गिराउंगी। यहां मंत्री ने मंच पर पीएस, कमिश्नर और कलेक्टर की ओर देख कहा कि अब बड़ों -बड़ों पर गाज गिरेगी।