बीमा कंपनी ने यदि प्रीमियम लिया है तो क्लेम भी देना होगा: CONSUMER FORUM

Bhopal Samachar
धार। बीमा कम्पनी (INSURANCE COMPANY) किसी उपभोक्ता (CONSUMER) से बीमा करने के लिए प्रीमियम (PREMIUM) राशि प्राप्त कर लेती है तो उसकी जिम्मेदारी बन जाती है कि वो बीमा क्लेम (INSURANCE CLAIM) भी अदा करे। क्लेम के समय वो देने के दायित्व से बच नहीं सकती है। 

धार उपभोक्ता फोरम ने अपने एक फैसले में बीमा कंपनी को उपभोक्ता को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के दो लाख रुपए अदा करने का आदेश दिया है। धार जिला उपभोक्ता फोरम न्यायाधीश पीएस पाटीदार, सदस्य डाॅ. दीपेंद्र शर्मा व हर्षा रुनवाल की बैंच ने अपने फैसले में बीमा कम्पनी को उपभोक्ता को बीमाधन के साथ ही सेवा मे कमी के कारण हर्जाना पांच हजार रुपए व वाद व्यय दो हजार अलग से देने का आदेश पारित किया है। 

प्रकरण संक्षेप में इस प्रकार था कि परिवादी नारायण पिता दलाजी सिर्वी आयु 46 साल निवासी ग्राम बडग्यार पोस्ट कपासी तहसील कुक्षी जिला धार की पत्नी चंपाबाई ने विपक्षी बैंक- बैंक ऑफ इंडिया (BANK OF INDIA) शाखा कुक्षी में खाता क्रं. 980310410001087 संचालित किया था। 

चंपाबाई ने पृथक-पृथक 2 पाॅलिसी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना ली थी। बैंक ऑफ इंडिया द्वारा खातेदार के खाते से 16 जुलाई 15 को 12/-रुपए एवं 7 सितंबर 15 को 330/-रुपए उक्त पाॅलिसी की प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी स्टार यूनियन डाई-इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (STAR UNION DAI ICHI LIFE INSURANCE COMPANY LIMITED) को अदा की गई थी। प्रत्येक बीमा योजना में दो-दो लाख रुपए का बीमा कवर किया था। 

बीमाधारक चंपाबाई की अचानक हार्टअटैक से 27 अक्टूबर 15 को मृत्यु हो गई। बीमाधारक चंपाबाई की मृत्यु उपरांत नारायण पिता दलाजी ने बीमाधन प्राप्त करने हेतु समस्त अवश्य दस्तावेज बीमा कंपनी स्टार यूनियन डाई-इची लाईफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को उपलब्ध कराए गए, किन्तु बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया गया। 

कोर्ट ने माना कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ नहीं मिल सकता परन्तु बीमा कंपनी द्वारा परिवादी को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अंतर्गत 2,00,000 रुपए की राशि अदा न करके निश्चित ही सेवा में त्रुटि की है। 

बीमा कम्पनी को आदेश दिए हैं कि आवेदक नारायण को बीमाधारिता चंदाबाई की बीमाधन की राशि दो लाख रुपए का भुगतान एक माह में करें अन्यथा आदेश दिनांक से अदायगी दिनांक तक 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करना होगा। यह जानकारी उपभोक्ता फोरम के अधीक्षक वसंत कलम ने दी है। 
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