भोपाल। नोटबंदी के बाद कई तरह की जांचें हुईं और बैंक व्यवहार का अध्ययन किया गया परंतु मध्यप्रदेश के 25 से ज्यादा सहकारी बैंकों में हुए नोटबंदी घोटाले को कोई भी ऐजेंसी नहीं पकड़ पाई। एक शिकायत के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ। पता चला है कि बंद हो चुके या प्रचलित नहीं किए जा रहे बैंक खातों में बड़ी रकम का लेन देन हुआ है।
भोपाल, इंदौर, सागर, जबलपुर और ग्वालियर जिले के सहकारी बैंकों की ग्रामीण व आंचलिक शाखाओं में नोटबंदी के दौरान लाखों रुपए जमा किए जाने का आरोप लगा है। ये रकम नवंबर 2016 से मार्च 2017 के बीच जमा की गई है। पुलिस मुख्यालय को मिली शिकायत के बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी है। जांच के तहत अब तक 25 से ज्यादा सहकारी बैंक शाखाओं को नोटिस देकर रिकॉर्ड तलब किया गया है।
स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने एसटीएफ के सभी पुलिस अधीक्षकों को क्षेत्र में जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पुलिस अधीक्षकों ने सहकारी बैंकों से रिकॉर्ड तलब कर लिया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि जिन खातों में सालभर में एक या दो लाख भी नहीं थे, उनमें अचानक बड़ी रकम जमा करवाई गई है। बहुत से खाते ऐसे भी हैं, जो बंद हो चुके थे फिर भी उनमें रकम जमा करवाई गई है। अंदाजा है कि बड़े रसूखदारों ने ये रकम मिलीभगत कर जमा करवाई होगी।