भोपाल। आज़ाद अध्यापक संघ की बैठक विधायक विश्राम गृह खण्ड क्रमांक 2 में प्रान्त अध्यक्ष श्रीमती शिल्पी शिवान के नेतृत्व में सम्पन्न हुई। बैठक में सभी जिलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इस अवसर पर सभी जिला अध्यक्षों, संभाग अध्यक्षों तथा प्रांतीय पदाधिकारियों द्वारा अपने अपने विचार अभिव्यक्त किये गए।
सभी साथियों के विचार ऊर्जा, उत्साह और साहस से सराबोर रहे। विचार व्यक्त करने वाले सभी साथियों ने आज आज़ाद परम्परा को नमन करते हुए स्पष्ट किया कि अब अध्यापकों के संघर्ष को बृहद और जनपेक्षाओं को पूर्ण करने वाला होना चाहिए। सन 2015 से सन 2018 तक का इतिहास गवाह है कि आज़ाद अध्यापक संघ ने जब जब मोर्चा संभाला है अध्यापकों के हितार्थ निर्णय हुए हैं। हम अध्यापकों की जीवटता और जुझारूपन ही है कि राजनेता विधानसभा में, तो दूसरी तरफ अफसर संचालनालयों में गाहे बगाहे चर्चा करते रहते हैं।
किन्तु आज की परिस्थितियों में आज़ाद अध्यापक संघ की भूमिका सिर्फ और सिर्फ अध्यापकों तक व्यक्तिगत रूप से सीमित नहीं किया जा सकता है। अब आज़ाद अध्यापक संघ को अपनी समस्याओं के समाधान के साथ साथ लोक शिक्षा के भव्य स्वरूप को बनाये रखने की चुनौती भी स्वीकार करना होगा।
इसी तारतम्य में आज बैठक में यह तय किया गया कि आज़ाद अध्यापक संघ, अगस्त माह में संभाग स्तर पर आज़ाद संगोष्ठियों का आयोजन करेगा। इन संगोष्ठियों में अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में सुधार जिसके अंतर्गत 25% निजी विद्यालयों में हो रहे प्रवेश की अनिवार्यता को खत्म कराना, माध्यमिक विद्यालयों के लिए मूल पद संरचना में संशोधन कराना और संवर्ग की मांगों पर संघर्ष की दिशा आदि पर मुहर लगाना है।
इसके साथ ही संघ में यह प्रस्ताव लाया गया कि विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री ने छिंदवाड़ा की रानी की कोठी में आयोजित अध्यापक सम्मेलन में जो वादा किया था उस वादा को याद दिलाने पुनः छिंदवाड़ा की धरा से एक वादा निभाओ रैली अथवा वादा निभाओ सम्मेलन का आयोजन समान विचारधारा वाले संघों (महासंघ के घटक संघ) से संवाद करने के उपरांत सहमति बनाकर किया जाएगा।
संघ की प्रान्त अध्यक्ष द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि लोक शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और अध्यापकों की न्यायसंगत मांगों के लिए हम पूर्व सरकार के सामने मोर्चा खोल सकते हैं तो वर्तमान सरकार को भी सावधान हो जाना चाहिए।
इसी कड़ी में प्रान्त अध्यक्ष द्वारा ज्ञापन के नवीन प्रारूप की आवश्यकता बताते हुए कहा कि संघ के ज्ञापन में लोक शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ही बनाया जाएगा , जो कि ज्ञापन निर्माण समिति द्वारा तैयार कर जिलों में भेजा जाना है।
आज़ाद अध्यापक संघ द्वारा स्पष्ट किया गया कि हमारे किसी भी मूवमेंट का दुष्प्रभाव वर्तमान में प्रचलित ट्रांसफर प्रक्रिया में न पड़े इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। आज की बैठक में अनेक अनुकम्पा पीड़ित अध्यापकों के परिजन भी उपस्थित हुए। जिन्होंने श्रीमती शिवान से अपनी पीड़ा साझा की।
अपने उद्बोधन में प्रान्त अध्यक्ष द्वारा उनके कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर कोर कमेटी के समक्ष अपने त्यागपत्र की पेशकश की गई। इसपर उनको याद दिलाया गया कि आपका कार्यकाल पंजीयन प्रबंध समिति के कार्यकाल से जुड़ा होने के कारण जुलाई 2020 में पूर्ण होगा। उसके बाद हम सब मिलकर आगे मंथन करेंगे।
आज संघ के नाम मे भी संशोधन का प्रस्ताव आया जिस पर तय हुआ कि अभी वर्तमान नाम के साथ ही चला जाये। उचित समय आने पर नाम संशोधन कर लिया जाएगा।
निश्चित रूप से आज बैठक में लिए गए निर्णयों और रखे गए प्रस्तावों से आगामी समय में दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेंगे। उक्त कार्यक्रम मे नीमच जिले से प्रांतीय संगठन मंत्री विनोद राठोर तथा जिला उपाध्यक्ष दिनेश टांकवाल ने भोपाल मे उपस्थित होकर अपने विचार व्यक्त किये।