नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचरियों को मोदी सरकार की ओर से बड़ी राहत दी गई है। सरकार ने रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए पेंशन में सातवें वेतन आयोग के तहत बदलावों को मंजूरी दे दी है। कर्मचारियों को अब 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन का लाभ मिल सकेगा। सरकार के इस निर्णय का लाभ ऑल इंडिया सेवाओं के सदस्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारियों को मिलेगा। 1 जनवरी 2016 से पहले रिटायर हुए जिनकी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों सहित सभी केंद्रीय कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत पेंशन का लाभ ले सकेंगे।
न्यूनतम वेतन बढ़ाने की कर रहे हैं मांग
केंद्रीय कर्मचारियों की ओर से सरकार से न्यूनतम वेतन को बढ़ा कर 26000 रुपये करने की मांग की जा रही है। रेलवे में प्रस्तावित कर्मचारी यूनियन के चुनावों में भी यह बड़ा मुद्दा बना हुआ है. फिलहाल सरकार ने कर्मचारियों के न्यूततम मूल वेतन को 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह किया है लेकिन कर्मचारी इसे और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सातवें वेतन आयोग के तहत पेंशन में 2.57 गुना की बढ़ोतरी हुई है। वहीं कर्मचारियों की ओर से 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत 3.68 गुना तक फिटमेंट फैक्टर बढाए जाने की मांग की जा रही है।
7th pay commission की रिपोर्ट के अनुसार
7th pay commission की रिपोर्ट के अनुसार पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने आंकड़ों के आधार पर कहा है कि 5वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सरकार में न्यूनतम पेंशन 1,275 रुपये थी। 2006 के पूर्व पेंशनरों की सामान्य संशोधित पेंशन पूर्व-संशोधित मूल पेंशन का 2.26 है। साथ ही 3,500 रुपये की संशोधित न्यूनतम पेंशन 1,275 रुपये की पूर्व-संशोधित पेंशन के 2.26 गुना से बहुत अधिक है।
रेल कर्मचारियों के संगठन ने किया ये वादा
रेल कर्मचारियों की यूनियनों का चुनाव 28 व 29 जुलाई को होना है। इस चुनाव में न्यूनतम पेंशन को बढ़ाए जाने के साथ ही NRMU चुनावों में कर्मचारियों के माता व पिता को मेडकल सुविधा व पास दिलाने के वादे के साथ जा रही है। रेलवे में फिलहाल यह व्यवस्था है कि किसी कर्मचारी के पिता की मृत्यु हो जाने पर ही उसकी मां को मेडिकल व पास की सुविधा मिलती है। जबकि यूनियन की मांग है कि कर्मचारी पर आश्रित उसके माता व पिता को मेडिकल व पास की सुविधा अनिवार्य तौर पर मिलनी चाहिए।