संविदा कर्मचारियों में अप्रेजल का आतंक, कमलनाथ सरकार चुप | SAMVIDA KARMACHARI NEWS

भोपाल। शिवराज सिंह सरकार के समय स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए अप्रेजल का खेल शुरू हुआ था। कहा जाता है कि यह रिश्वतखोरी के लिए किया गया था। कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। कमलनाथ ने चुनाव में वचन दिया था कि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा परंतु अब हालात यह है कि सरकार संविदा कर्मचारियों को अप्रेजल के आतंक से भी नहीं बचा रही है। अप्रेजल के कारण अब तक 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी नौकरी गंवा चुके हैं। 

नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की प्रबंध संचालक छवि भारद्वाज के अनुमोदन से प्रशासकीय अधिकारी द्वारा जारी आदेश में स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, प्रबंधक, लेखापाल, डाटा मैनेजर से लेकर डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए एक जुलाई से 15 जुलाई तक दो चरणों में अप्रेजल का टाइम टेबल जारी किया है। इसमें लिखित परीक्षा व इंटरव्यू होंगे और 18 वर्ष तक की नौकरी पूरी करने वालों से लेकर एक साल पहले सेवा में आए सभी को न्यूतनम 65 अंक लाना अनिवार्य होंगे। 

रिश्वतखोरी के लिए शुरू किया गया था अप्रेजल

चार साल पहले एनएचएम में दो डिप्टी डायरेक्टरों ने तत्कालीन एमडी के साथ मिलकर अप्रेजल के नाम पर कर्मचारियों व अधिकारियों के पास फेल व स्थानांतरण का धंधा शुरू किया। शुरुआत के दो साल में पांच हजार संविदा कर्मचारी व अधिकारी व कर्मचारी नौकरी गंवा बैठे। इस डर से रिश्वत का खेल शुरू हो गया, जिसमें आला अफसर भी शामिल हो गए। दो साल पहले इसके खिलाफ आंदोलन हुआ तो तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविदा कर्मचारियों को आश्वासन दिया लेकिन अफसरों ने टाल दिया। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया कि संविदा को नियमित किया जाएगा, लेकिन एक साल के गैप के बाद फिर अप्रेजल का जिन्न बाहर निकल आया है। 

अप्रेजल का तर्क सही है तो सभी कर्मचारियों पर लागू करो

सवाल सिर्फ यह है कि यह अप्रेजल का भूत केवल स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों पर ही क्यों छोड़ा जाता है। यदि अप्रेजल का तर्क सही है तो यह सभी 10 लाख कर्मचारियों पर लागू होना चाहिए। राज्य प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की भी परीक्षा ली जानी चाहिए। दरअसल, अप्रेजल मानवाधिकारों के हनन का मामला है। इंसानों के बीच पक्षपात किया जा रहा है। एक समूह को तंग करने और उससे रिश्वत वसूलने के लिए यह प्रपंच रचा गया है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!