इंदौर। टॉवर चौराहा से जूनी इंदौर ब्रिज की ओर शनिवार शाम एक हादसे में स्कूटर से भाई के साथ जा रहे पांचवीं के छात्र की जांघ में डिवाइडर का सरिया घुस गया। छात्र का बड़ा भाई स्कूटर चला रहा था। सरिया जांघ से आर-पार निकल गया और स्कूटर में फंस गया। छात्र आधा घंटे तड़पता रहा। मौके पर पहुंचकर डॉक्टर ने कटर ने सरिया काटा और अस्पताल ले गए जहां ऑपरेशन कर सरिया निकाला। डिवाइडर नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा है।
जूनी इंदौर टीआई देवेंद्र कुमार के मुताबिक घटना शाम करीब 7.30 बजे की है। शंकरगंज निवासी प्रदीप तिवारी का बेटा अन्वेश (15) जानकी नगर निवासी बुआ दीपिका दुबे से मिलकर घर जा रहा था। छोटा भाई आरव उर्फ सूर्यांश (11) स्कूटर पर पीछे बैठा था। दोनों टॉवर चौराहे से जूनी इंदौर ब्रिज की ओर पहुंचे, तभी गाड़ी लहराई और डिवाइडर का सरिया आरव की जांघ से एक फीट बाहर निकलकर स्कूटर की सीट फाड़ते हुए फंस गया। अन्वेष के मुताबिक सरिया घुसने के बाद गाड़ी आगे नहीं बढ़ी और दोनों गिर पड़े। आरव के रोने की आवज सुनकर राहगीर और दुकानदार दौड़कर आए। उन्होंने सरिया निकालने का प्रयास किया लेकिन आरव दर्द से तड़प रहा था।
डिवाइडर लगाकर ट्रैफिक रोका
प्रत्यक्षदर्शी विजय के मुताबिक इसी बीच वहां से सराफा सीएसपी डीके तिवारी निकले। उन्होंने डिवाइडर लगाकर ट्रैफिक रोका और कंट्रोल रूम पर फोन कर जूनी इंदौर पुलिस को बुलाया। टीआई देवेंद्र कुमार ने आनंद अस्पताल में फोन कर डॉ. गणेशराज उदासी से डॉक्टर भेजने के लिए कहा। सीएसपी के मुताबिक एक कारीगर के पास इलेक्ट्रॉनिक कटर था। उससे सरिया काटने की कोशिश की लेकिन कटर चलने से बच्चे को दर्द होने लगा।
दर्द रोकने के लिए इंजेक्शन लगाया और सरिया काटा
कुछ देर बाद डॉ. पंकज चौधरी पहुंचे। उन्होंने छात्र को इंजेक्शन लगाया और कटर से सरिए के उस हिस्से को काटा जो डिवाइडर से जुड़ा हुआ था। दूसरा हिस्सा गाड़ी में फंसा था। डॉ. चौधरी के मुताबिक एक हिस्सा पेट्रोल टैंक से पास फंसा होने से काट नहीं सकते थे। लोगों की मदद से गाड़ी को उठाया और बच्चे को सरिए सहित अस्पताल भेजा। इस बीच एम्बुलेंस पहुंच गई और छात्र को पुलिस टॉवर चौराहा स्थित निजी अस्पताल लेकर गई। डॉ. चौधरी के मुताबिक सरिए से बड़ी नसें नहीं कटीं। खून की नसें कटने पर बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती थी।