भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग (SCHOOL EDUCATION DEPARTMENT) की ओर से पहली बार दसवीं बोर्ड के रिजल्ट में 30 फीसदी से कम रिजल्ट लाने वाले स्कूलों के शिक्षकों के लिए दक्षता परीक्षा (TEACHERS EFFICIENCY TEST) आयोजित की गई। राजधानी के उत्कृष्ट विद्यालय में बुधवार को 22 में से 15 शिक्षकों ने यह परीक्षा दी। इसमें अधिकांश शिक्षक ऐशगाब क्षेत्र के बाग-उमराव दुल्हा स्कूल के बताए जा रहे है। परीक्षा देने वाले शिक्षकों की कॉपियों का मूल्यांकन (RESULT) भी कर लिया गया है। इसमें सामने आया कि अधिकांश शिक्षकों को सी और डी ग्रेड मिला है। लिहाजा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक ही किताब खोलकर सी और डी ग्रेड पा रहे है तो इन स्कूलों के छात्रों का क्या हाल होता होगा?
इधर, बुधवार को इन परीक्षार्थी शिक्षकों को देर रात परीक्षा का समय सुबह 10.30 से 1.30 तक के बजाय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कर दिया गया था। लिहाजा समय बदले जाने से कुछ शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बता दें कि राजधानी के सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में जिले भर के लगभग 22 शिक्षकों की परीक्षा 12 बजे से शुरू हुई। परीक्षा देने के लिए शिक्षक और शिक्षिकायें बैग में रखकर किताबें लेकर पंहुचे। डीईओ को दिए गए आईडी पासवर्ड से पेपर डाउनलोड कर परीक्षा शुरू हुई।
इस परीक्षा से पहले तय किया गया था कि जिन स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा है। उन स्कूलों के विषयवार खराब रिजल्ट वाले टीचर्स की परीक्षा ली जाए और उसमें फेल होने वाले टीचर्स के खिलाफ कार्यवाही की जाए। लेकिन इस परीक्षा का अध्यापकों के तमाम संगठनों ने विरोध किया और स्कूल शिक्षा विभाग ने किताबें साथ रखकर परीक्षा देने की छूट दी। नकल के सहारे परीक्षा कराने और उसमें भी किसी शिक्षक को फेल न किए जाने के आदेश जारी होने के बाद परीक्षा मजाक बन गई है।