AIMS में पानी की कमी, AC बंद, गर्मी से डाॅक्टर और मरीज सब बेहाल | BHOPAL NEWS

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Medical Sciences) (एम्स) में गुरुवार काे सेंट्रल एसी बंद हाे गया। करीब पांच घंटे एसी बंद रहने के कारण डाॅक्टराें समेत मरीज और मरीजाें के परिजन गर्मी में पसीना-पसीना हाेते रहे। सूत्राें की मानें ताे दाेपहर करीब 11 बजे सेंट्रल एसी ने काम करना बंद कर दिया था। ऐसे में करीब एक घंटे में ही यहां लाेगाें का गर्मी के कारण बुरा हाल हाेने लगा था। अधिकांश लाेग अस्पताल परिसर से बाहर आ गए थे।  

ऐसी स्थिति पानी की कमी के कारण बनी। पानी की कमी के चलते एम्स का सेंट्रल एसी सिस्टम बंद हुआ था। दरअसल, एम्स के बोर का पानी सूखने के कारण यहां 15-20 दिन से पानी की परेशानी चल रही है। ऐसी बंद हाेने की सूचना डाॅक्टराें ने अस्पताल प्रबंधन काे दी, ऐसे में मेंटेनेंस देखने वाली कंपनी के कर्मचारियाें काे बुलाया गया। तब कहीं जाकर दाेपहर तीन बजे एसी दाेबारा शुरू हुआ और मरीजाें ने राहत की सांस ली। इस संबंध में एम्स डायरेक्टर डाॅ. सरमन सिंह का कहना है कि पानी की कमी के चलते कुछ देर एसी बंद हुआ था। पानी का बंदाेबस्त कर एसी चालू कर दिया गया। अभी एम्स के बाेर में पानी नहीं है, इस कारण पानी की किल्लत चल रही है। संभव है कि शुक्रवार काे महापौर आलाेक शर्मा से मुलाकात करेंगे, ताकि पानी की समस्या का हल निकाला जा सके।

भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक मरीज काे एक्सरे के लिए छह दिन तक चक्कर लगाने पड़े। कमर का दर्द बढ़ा ताे उसने मजबूरन बिना एक्सरे ही डाॅक्टर काे दिखाया, ऐसे में डाॅक्टर ने आठ दिन की दवाइयां दीं और बाद में आकर दिखाने का कहा। पीड़ित ने इसकी शिकायत ट्विटर के माध्यम से दिल्ली तक की है। लेकिन, अब तक इसका काेई असर नहीं हुआ  है।

सिंगराैली निवासी रमेश मेहदाेले टेक्नीशियन हैं। छह महीने से उन्हें कमर में दर्द की शिकायत है। निजी अस्पतालाें में इलाज कराया, लेकिन आराम नहीं मिला। ऐसे में वे एक मई काे एम्स पहुंचे थे। यहां डाॅक्टर ने एक्सरे के लिए लिखा। रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट में पहुंचे ताे उन्हें लंच के बाद आने का कहा गया। बाद में इमरजेंसी में ले जाकर एक्सरे कराया गया। रमेश ने साेमवार काे रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट में एक्सरे मांगा ताे बताया गया कि यहां ताे मशीन खराब है। अगर एक्सरे इमरजेंसी में हुआ है ताे वही जाएं। वहां से रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट से ही एक्सरे मिलने का कहकर उन्हें चलता कर दिया गया। रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट के स्टाफ ने कहा कि बुधवार काे ईद है ऐसे में गुरुवार काे आएं। रमेश ने बिना एक्सरे दिखाना चाहा ताे स्टाफ ने काेटा पूरा हाेने का कहकर चलता कर दिया।

गौरतलब है कि एम्स के आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में आने वाले मरीजाें में से हरराेज करीब 100 मरीजाें के एक्सरे कराए जाते हैं। इसके लिए रेडियाेलाॅजी डिपार्टमेंट में दाे एक्सरे मशीनें हैं। इसके अलावा एक एक्सरे मशीन इमरजेंसी में है। लेकिन, पिछले कुछ दिनाें से इमरजेंसी की एक्सरे मशीन भी खराब है।
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