सिमी प्रतिबंध पर ट्रिब्यूनल सुनवाई की तारीख घोषित, लोगों को प्रमाण सहित बुलाया | MP NEWS

जबलपुर। गैर कानूनी गतिविधियाँ रोकथाम अधिनियम के तहत इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया को गैर कानूनी संगठन घोषित किये जाने को लेकर गवाहों से साक्ष्य प्राप्त करने एवं जिरह के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश जस्टिस मुक्ता गुप्ता की अध्यक्षता में गठित गैर कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) न्यायाधिकरण 26 एवं 27 मई को सुबह 10 बजे से जबलपुर में होटल कल्चुरी में सुनवाई करेगा। 

ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार लॉरेन बामनियाल ने ऐसे सभी व्यक्तियों से जो इस्लामिक स्टूडेंट मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को गैर कानूनी घोषित किये जाने को लेकर पक्ष या विपक्ष में अपने साक्ष्य प्रस्तुत करना चाहते हैं उन्हें शपथ पत्र के साथ अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने तथा जिरह के लिए ट्रिब्यूनल के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने कहा है।

2019 तक के लिए प्रतिबंधित किया गया था

सिमी (SIMI) या स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया भारत में प्रतिबंधित एक मुश्लिम कट्टरपंथी संगठन है। इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसके अनुसार इनका ध्येय 'पश्चिमी भौतिकवादी सांस्कृतिक प्रभाव को एक इस्लामिक समाज में रूपांतरित करना है'। कई लोगों और भारत सरकार की मान्यता है कि सिमी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। सिमी भारत में आतंकवादी गतिविधियों में अपनी भागीदारी के लिए 2002 में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। यह 2019 तक के लिए प्रतिबंधित किया गया था। 
Tags

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !