इंदौर। 25 मई से शहर के लोगों को गुल होती बिजली (Power cuts) परेशान करने लगेगी। बिजली कंपनी इस दिन से बारिश पूर्व मेंटेनेंस (maintenance) का काम शुरू कर रही है। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में मेंटेनेंस के लिए चार घंटे बिजली आपूर्ति बंद की जाएगी। कंपनी शेड्यूल तैयार कर रही है। अब तक चुनाव के चलते बिजली बंद करने पर रोक लगा दी गई थी, नतीजा हर साल होने वाला मेंटेनेंस का काम भी पूरा नहीं हो सका था।
मेंटेनेंस के लिए बिजली आपूर्ति बंद करने के लिए कंपनी ने सुबह के चार घंटे का समय तय किया है। सुबह 8 से 12 बजे का समय इस कटौती के लिए तय किया जा रहा है। मंगलवार को पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी मेंटेनेंस का शेड्यूल तय करने में जुटे रहे। शहर में कुल 450 फीडर हैं। सभी फीडरों पर बारिश पूर्व मेंटेनेंस का काम पूरे करने के लिए बिजली कंपनी ने 10 जून तक का समय तय किया है। हर फीडर से जुड़ी लाइन का मेंटेनेंस किया जाएगा।
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक इसके साथ ही आईपीडीएस स्कीम के तहत शहरी क्षेत्र और सीमा में आए 29 गांवों में नए खंभे, लाइन डालने का काम भी पूरा किया जाना है। जो बीते दिनों से चुनावी मौसम में शटडाउन नहीं मिलने से रोक दिया गया था। अधीक्षण यंत्री (शहर) मंगलवार को शेड्यूल तय करते रहे। पहले शहर के ऐसे 50-60 फीडरों पर मेंटेनेंस होगा, जहां ट्रिपिंग की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं। यानी ऐसे क्षेत्र जहां जंपर, तार आदि बदलने का काम जरूरी है। इसके बाद लाइन दुरुस्त करने से लेकर बिजली लाइन से टकरा रहे पेड़ों की छंटाई और लाइन की सफाई का काम होगा।
इन सब कामों के लिए हर क्षेत्र में एक-एक दिन चार-चार घंटे का शटडाउन दिया जाएगा। बिजली कंपनी दो दिनों में शहर में बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने का काम भी शुरू कर देगी। शुरुआत स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के यहां से होगी। कंपनी रिमोट डिस्कनेक्शन के जरिये ऐसे बकायादारों के यहां सप्लाय रोकने से शुरुआत कर रही है। इसके साथ बकायादारों से रिकवरी का काम शुरू होगा। बिजली कंपनी राजस्व वसूली में आठ करोड़ पीछे हैं।
सहयोग दें उपभोक्ता
बारिश से पहले मेंटेनेंस का काम पूरा करना जरूरी है। वरना आंधी-तूफान और बारिश से बिजली गुल होने की परेशानी आएगी। हम मेंटेनेंस के लिए सुबह का समय तय कर रहे हैं, ताकि गर्मी से कम परेशानी हो। उपभोक्ता भी इसमें सहयोग करें, ताकि बारिश में निर्बाध आपूर्ति की जा सके। -सुब्रतो रॉय, अधीक्षण यंत्री