इंदौर। प्रदेश में चुनावी समर अपनी आखिरी मुकाम तक पहुँच रहा है सभी दल पूरी जोर आजमाइश पर है ऐसे में इंदौर लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह मामला खजराना गणेश मंदिर में चोला चढ़ाने के मामले में उन पर सही साबित होने के बाद दर्ज किया गया है,आपको बता दें इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे शंकर लालवानी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी से है।
कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव के आदेश पर बुधवार रात खजराना पुलिस ने उनके और मंदिर के पुजारी अशोक महाराज (भट्ट) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। भाजपा प्रत्याशी लालवानी ने इस पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि पूजा करने पर भी मप्र सरकार के दबाव में मुझ पर प्रकरण दर्ज हो जाता है, जबकि दूसरी ओर एक कैबिनेट मंत्री वोटरों को 25 लाख रुपए का प्रलोभन देते हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। हालांकि मैं कानून का पूरा सम्मान करता हूं। प्रशासन ने इस मामले में लालवानी को नोटिस दिया था, जिसके जवाब में उन्होंने लिखा था कि मैं खजराना गणेश मंदिर प्रार्थना करने गया था, वहां किसी से वोट की अपील नहीं की।
बताते चलें कि इंदौर सीट पर बीजेपी पिछले आठ लोकसभा चुनाव से लगातार जीतती आ रही है। इस बार लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के इस सीट से चुनाव लड़ने से इंकार के बाद मुख्य दावेदार बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस सीट से उतरने से इनकार कर दिया था।
वहीं, 1993 में विधानसभा क्षेत्र-4 से लालवानी को बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था. 1996 में हुए नगर निगम चुनाव में उन्हें जयरामपुर वार्ड से टिकट मिला था। इसमें उन्होंने अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराया था और पार्षद बने थे। लालवानी ने नगर निगम में सभापति जैसे महत्वपूर्ण पद का कार्यभार संभाला. वे तीन बार पार्षद रहे। कुछ समय बाद पार्टी ने उन्हें नगर अध्यक्ष बना दिया. नगर अध्यक्ष के पद पर रहते हुए ही उन्हें इंदौर नगर निगम प्राधिकरण की जिम्मेदारी दी गई थी।
सिंधी समाज से आने वाले शंकर लालवानी सुमित्रा महाजन और शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं। वह आईडीए के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा लालवानी बीजेपी के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। जानकारी के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ने भी की थी शंकर लालवानी की पैरवी टिकट के लिए की थी।