क्या GST में बिना FIR गिरफ्तारी होगी, जमानत मिलेगी या नहीं: सुप्रीम कोर्ट तय करेगा | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। सीजीएसटी एक्ट 2017 (CGST ACT 2017) के अंतर्गत धारा 69 (SECTION 69) में कमिश्नर को प्रदत्त सीधे गिरफ्तारी (DIRECT ARREST WITHOUT FIR) के अधिकार का मामला अब सुप्रीम कोर्ट (SUPREME COURT) में आ गया है। केंद्र सरकार ने याचिका दाखिल करके आग्रह किया है कि सुप्रीम कोर्ट तय करे कि आयुक्त को दिया गया अधिकार उचित है या नहीं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट को यह भी तय करना है कि धारा 69 के तहत हुई गिरफ्तारी में जमानत की शर्तें क्या होंगी। बता दें कि जीएसटी में यही एक प्रावधान ऐसा है जिससे देश भर के व्यापारी घबराए हुए हैं। 

केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने हाईकोर्ट के याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। केंद्र सरकार ने CGST की धारा 69 के तहत गिरफ्तारी के अधिकार पर कोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में क्या GST के तहत टैक्स जमा ना करने वाले को बिना FIR गिरफ्तार किया जा सकता है? इस बडे मुद्दे पर विचार होगा लेकिन GST टैक्स से फर्जीवाड़ा करने वालों को फिलहाल गिरफ्तार करना वैध है। 

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी लेकिन तेलंगाना ने सही बताया

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि एक्ट में अथॉरिटी द्वारा CGST से फर्जीवाड़ा करने वाले को गिरफ्तार करने का प्रावधान है लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे गैरकानूनी बताते हुए जमानत दी है जबकि तेलंगाना हाई कोर्ट ने इसे सही बताया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तय करे कि इस धारा के तहत क्या अधिकार हैं।

सीजीएसटी एक्ट 2017: कमिश्नर को है गिरफ्तारी का अधिकार

केंद्र ने अपनी याचिका में दलील दी है कि सीजीएसटी के अधिकारी सीजीएसटी एक्ट 2017 के तहत काम कर रहे हैं और उन्हें किसी को गिरफ्तार करने के लिए एफआईआर कराने की जरूरत नहीं है और न ही उन पर इस बात के लिए दबाव बनाया जा सकता है। केंद्र सरकार की दलील है कि सीजीएसटी कानून के तहत आयुक्त को गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है, अगर वह आयुक्त यह समझता है कि किसी व्यक्ति ने जीएसटी कानून का उल्लंघन किया है। 

बांबे हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी के अधिकार को गैरकानूनी बताया

केंद्र ने बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि किसी व्यक्ति को जीएसटी कानून के तहत भी गिरफ्तार करने के लिए क्रिमिनल प्रोसेड्यूर कोड की प्रक्रिया को अपनाना होगा एवं एफआईआर भी करवानी पड़ेगी। इस मामले के अभियुक्त की जांच सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) कर रहा था। अभियुक्त ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।

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