
विश्वविद्यालय ने मई में सीईटी 23 जून को कराना निर्धारित किया था परंतु परीक्षा की तारीख को लेकर अधिकारी सहमत नहीं हुए। एकेडमी कैलेंडर के अनुसार 1 जुलाई से नया सत्र शुरू करना है। ऐसे में एडमिशन सेल ने 12 दिन पहले परीक्षा करवाने के बारे में सोचा। इसके लिए एजेंसी से नई तारीखों के बारे में पूछा। इस बीच 20 मई से सीईटी के पंजीयन भी शुरू कर दिए। लेकिन अभी तक परीक्षा की तारीख तय नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार 23 जून से पहले परीक्षा करवाने के लिए एजेंसी के पास पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं हैं। 27 शहरों में सीईटी करवाई जानी है, जिसमें ज्यादातर शहरों के सेंटर पर अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं होनी हैं। अधिकांश केंद्रों ने नई तारीखों पर एतराज जताया है और कहा कि 23 से पहले वहां परीक्षा करवाना संभव नहीं है। ऐसे में एजेंसी को भी अपने हाथ खींचने पड़े।
एजेंसी ने 23 जून को ही परीक्षा करवाने पर विश्वविद्यालय को पत्र लिख दिया है। इसके चलते विश्वविद्यालय की परेशानी बढ़ गई है। सूत्रों की मानें तो 30 जून तक का समय परीक्षा करवाने और परिणाम देने में बीत जाएगा। जिससे 1 जुलाई को सत्र शुरू होना मुश्किल है क्योंकि विश्वविद्यालय को कम से कम 10 दिन काउंसलिंग के लिए भी लगेंगे। ऐसे में विश्वविद्यालय के विभागों में जुलाई के दूसरे सप्ताह से कक्षाएं लग सकती हैं। एडमिशन सेल प्रभारी डॉ. विजय बाबू गुप्ता ने बताया कि सीईटी की तारीख पर कुलपति और रजिस्ट्रार से चर्चा करनी है। उसके बाद ही तारीख की घोषणा करेंगे।