बालाघाट। जिला चिकित्सालय बालाघाट की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कलेक्टर श्री दीपक आर्य द्वारा सतत जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की उपस्थिति एवं सफाई व्यवस्था पर निगरानी रखने के लिए डिप्टी कलेक्टर श्री रोहित बम्होरे को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है और उन्हें हर दिन जिला चिकित्सालय में नियत समय पर उपस्थित चिकित्सकों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है।
नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर श्री रोहित बम्होरे द्वारा 08 मई को जिला चिकित्सालय का प्रात: 8 बजे निरीक्षण करने पर पाया गया कि 15 चिकित्सक नियत समय पर अस्पताल में उपस्थित नहीं हुए थे। यह 15 चिकित्सक प्रात: 9.30 बजे तक भी अस्पताल नहीं पहुंचे थे। नियत समय पर जिला चिकित्सालय नहीं पहुंचने वालों में डॉ राजरानी खरे, डॉ एस सी मेश्राम, डॉ जी आर ब्रम्हे, डॉ पी के पाराशर, डॉ अशोक लिल्हारे, डॉ आर के वर्मा, डॉ महेश चौधरी, डॉ नितेन्द्र रावतकर, डॉ गीता बोकड़े, डॉ अश्विनी भौतेकर, डॉ पंकज महाजन, डॉ रश्मि बाघमारे, डॉ आशुतोष सूर्यवंशी, डॉ अनिता तुरकने एवं डॉ राहुल बोरकर शामिल थे।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बार-बार समझाईश व निर्देश देने के बाद भी इन चिकित्सकों द्वारा अपने नैतिक कर्त्तव्यों का निर्वहन न कर प्रतिदिन शासकीय कार्य में लापरवाही बरते जाने को कलेक्टर श्री दीपक आर्य ने गंभीरता से लिया है और इन 15 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि क्यों न इस कृत्य के लिए उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाये। इन चिकित्सकों को तीन दिनों के भीतर समक्ष में उपस्थित होकर लिखित में जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है। समय सीमा में लिखित जवाब प्राप्त नहीं होने पर माना जायेगा उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है और उनके विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।
कलेक्टर श्री आर्य ने सभी चिकित्सकों को निर्देशित किया है कि वे जिला चिकित्सालय बालाघाट में प्रतिदिन निर्धारित समय पर उपस्थित होकर उपचार के लिए आये बाह्य एवं आंतरिक रोगी का उपचार कर अपने पदीय कर्त्तव्य एवं नैतिक दायित्वों का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करना सुनिश्चित करें।