सीधी। जिले के अतिथि शिक्षक अपनी मांगो को लेकर इतने व्यथित हो चुके हैं कि उन्होंने आमरण अनशन करने का निर्णय लिया है। यह आमरण अनशन शुक्रवार से कलेक्ट्रेट के सामने विथिका भवन मे होगा।
जिलाध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 22 मे कहा गया था कि अतिथि शिक्षको को 3 माह मे नियमित करने को कहा गया। वहीं विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस कार्यालय मे कमलनाथ व दिग्विजय सिह द्वारा कहा गया था कि प्रदेश मे हमारी सरकार आते ही आपको नियमित किया जायेगा। लेकिन आज 5 माह बीत जाने पर भी सरकार ने कोई ठोस कदम नही उठाया गया । अतिथि शिक्षको को पोर्टल से अनमैप कर दिया गया है। अतिथि शिक्षको का यह आमरण अनशन कल सुबह 10 बजे से शुरू होगा जिले अतिथि शिक्षको से अपील की गई है की वो भारी संख्या मे पहुंचे।
चुनाव के पहले किया था वादा...
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले इनसे नियमित किए जाने का वादा किया था। प्रदेश में अतिथि शिक्षको की संख्या एक लाख से ज्यादा है। ज्यादातर स्कूलों में अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। और अतिथि शिक्षको के दम पर सरकारी स्कूलों का रिजल्ट अच्छा रहा है । प्रदेश कार्य समिति सदस्य नोखेलाल तिवारी ने कहा की यदि सरकार को खजाने की फिक्र है तो खजाने की खराब माली हालत को देखते हुए सरकार इस फॉर्मूला पर भी विचार कर रही है कि इन्हें नियमित करने में वित्तीय भार न आए। तो अतिथि शिक्षक उसी मानदेय पर कार्य करने लिये तैयार है।
तेंदुपत्ता तोड़ रहे हैं अतिथि शिक्षक
इस साल अतिथि शिक्षकों को 30 अप्रैल से मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगार कर दिया गया है। जिससे अब अतिथि शिक्षक दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। कुछ अतिथि शिक्षक अपनी रोजी-रोटी चलाने के दूसरे प्रदेशों मे जाकर नौकरी कर रहे हैं। कुछ गांवो मे मजदूरी कर रहे तो कुछ तेंदू पत्ता तोड़ने के लिये मजबूर है।
ये है प्रमुख मांगे
1- बाहर किये गये अतिथि शिक्षको को काम मे वापस लिया जाये
2- अतिथि शिक्षको को 12 माह कार्य करने की अवसर प्रदान किया जाय व उनके पद को रिक्त न माना जाय। अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षको को प्रशिक्षित होने का अवसर प्रदान किया जाय ।