भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि नरेंद्र सिंह तोमर का टिकट बदला नहीं जाएगा। उन्हे मुरैना से ही लड़ना होगा। पार्टी की बैठक में इस बात पर काफी विचार हुआ, इसके बाद तय किया गया कि नरेंद्र सिंह तोमर को स्प्ष्ट संदेश दिया जाए कि वो मुरैना पर ही ध्यान दें और जीत सुनिश्चित करें।
स्वाजातिय बंधु के सामने कैसे टिक पाएंगे तोमर
ग्वालियर सीट छोड़कर भागे नरेंद्र सिंह तोमर, भोपाल सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन अमित शाह ने उनकी मनोकामना पूरा नहीं की। इधर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को उतार दिया। दिग्विजय सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर दोनों क्षत्रिय समाज से हैं। अत: नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर विचार का प्रश्न ही नहीं उठता परंतु नरेंद्र सिंह तोमर मुरैना से भी भागना चाहते हैं। वो पार्टी को अवगत करा चुके हैं कि मुरैना उनके लिए हानिकारक है। पार्टी के पास फिलहाल 8 सीटें शेष हैं जहां से प्रत्याशी घोषित करना है।
भोपाल सीट पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर आपत्ति
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम एक बार फिर चर्चा में आया था। प्रज्ञा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दबाव है लेकिन अमित शाह प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम पर सहमत नहीं हैं। अमित शाह की टीम का मानना है कि यदि प्रज्ञा सिंह ठाकुर सांसद बन गईं तो भाजपा के लिए परेशानी पैदा करेंगी। इसलिए उमा भारती को मनाया जा रहा है।
नरेंद्र सिंह तोमर के विदिशा ही है आखरी रास्ता
भाजपा के पास फिलहाल विदिशा सीट भी खाली है। यहां भाजपा के पास कोई अच्छा उम्मीदवार भी नहीं है। विदिशा सीट का इतिहास रहा है, यहां से सांसद हमेशा बाहरी ही होता है। अटलजी के बाद शिवराज सिंह चौहान भी बाहरी ही थे फिर सुषमा स्वराज तो प्रदेश से ही बाहर की थीं। नरेंद्र सिंह तोमर के लिए यह सीट उचित हो सकती है।