भोपाल। ई-टेंडर घोटाले (E-TENDERING SCAM) में आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (EOW) ने रविवार को एक और गिरफ्तारी की है। राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (STATE ELECTRONICS DEVELOPMENT CORPORATION -SEDC) के ई-प्रिक्योरमेंट के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्मे (OSD NAND KISHORE BRAHME) को गिरफ्तार कर लिया गया है। ब्रह्मे को घोटाले का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है और आज से ही ईओडब्ल्यू ने निगम में छापे की कार्रवाई शुरू की है। उधर, ईओडब्ल्यू द्वारा ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स के तीनों संचालकों को सोमवार को अदालत में प्रस्तुत कर कुछ दिन और रिमांड पर लिए जाने का प्रयास किया जाएगा।
ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू की विवेचना ने रफ्तार पकड़ ली है। ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स के तीन संचालकों वरुण चतुर्वेदी, सुमित गोलवलकर और विनय चौधरी से पूछताछ में ईओडब्ल्यू को घोटाले के मुख्य सूत्रधार तक पहुंचने के सुराग मिले। इसमें सामने आया कि मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के ई-प्रिक्योरमेंट के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्मे ही मुख्य सूत्रधार है। ब्रह्मे बिजली कंपनी के अधीक्षण यंत्री हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
एक दर्जन नौकरशाह-नेताओं के नाम बताए
सूत्र बताते हैं कि ब्रह्मे ने टेंडर के डेमो की शुरुआत कराई थी। विवेचना में सामने आया है कि डेमो के माध्यम से ही गड़बड़ी की शुरुआत हुई थी। ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स के संचालकों से पूछताछ में ई-टेंडर की गोपनीयता को भंग करने के लिए बड़ी राशि के लेनदेन के तथ्य भी सामने आए हैं। करीब एक दर्जन नेताओं और नौकरशाहों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके टेंडर में गड़बड़ी घोटाले में शामिल होने की बात सामने आई है। जल्दी नेताओं और नौकरशाहों पर कार्रवाई की संभावना है।
एसईडीसी पर कार्रवाई शुरू
ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स का डाटा जब्त किए जाने के बाद रविवार से ईओडब्ल्यू ने राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम पर छापे की कार्रवाई शुरू कर दी। निगम के सर्वर का डाटा जब्त किया जाएगा, जिसमें करीब चार से पांच दिन लगने की संभावना जताई जा रही है। यहां ई-प्रिक्योरमेंट से जुड़े सभी कंप्यूटर और सर्वर का डाटा जब्त किया जाना है।