क्या मोटापे से दिमाग भी कमजोर हो जाता है: पढ़िए अगस्ता यूनिवर्सिटी की रिसर्च | DOES OBESITY ALSO WEAKEN THE BRAIN

मोटापा (obesity) कई बीमारियों की जड़ है यह तो सबको पता है परंतु क्या मोटापा दिमाग (Brain) पर भी असर करता है। क्या मोटापा से दिमाग कमजोर हो जाता है। क्या मोटापा से याददाश्त कमजोर हो जाती है। क्या मोटापा से सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है। क्या मोटापा से सीखने की क्षमता कम हो जाती है। अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि हां, ऐसा होता है।   

अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी की रिसर्च रिपोर्ट / America's Agusta University's Research Report

स्टडी रिपोर्ट कहती है कि हमारे दिमाग में एंडोथेलियल कोशिकाएं एक दीवार की तरह काम करती हैं। इन कोशिकाओं पर दो रिसेप्टर एडोरा-1ए और एडोरा-2ए होते हैं। इनके संतुलन से दिमाग में खून का बहाव और दिमाग की कार्यप्रणाली नियंत्रित होती है। मोटापे के कारण रिसेप्टर एडोरा-2ए अतिसक्रिय हो जाता है। ऐसा होने से दिमाग में खून का बहाव असंतुलित हो जाता है और दिमाग की क्षमता प्रभावित होती है। वैज्ञानिकों ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ मोटापे और डायबिटीज की समस्या (Diabetes problem) से जूझ रहे लोगों की समझ कमजोर होती जाती है। ऐसे लोगों में दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित हो जाता है, जो कुछ सीखने और चीजों को याद रखने में मददगार होता है।

मोटापा के साथ कौन कौन सी बीमारियां आतीं हैं / What are diseases occur with obesity

वजन बढ़ने के साथ ही कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें शुरू हो जाती हैं। मोटापा कम करने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है अपनी जीवनशैली में खास बदलाव की। स्वस्थ खानपान और नियमित व्यायाम के जरिए आप बढ़ते वजन पर काबू पा सकते हैं। मोटापा बढने से डायबी‍टीज, ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्टोन, कैंसर, अनिद्रा, जोडों और घुटनों की बीमारियां (Diabetes, blood pressure, heart attack, brain stains, cancer, insomnia, diseases of the joints and knees) शुरू हो जाती हैं। मोटापा कम करने के लिए हमे अपने डाइट प्लान को ध्यान में रखना चाहिए। टाइम पर खाना चाहिए, डाइट संतुलित मात्रा में लेनी चाहिए। डाइट में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइडेट की प्रचुर मात्रा होनी चाहिए।

मोटापा कम करने के उपाय / Measures to reduce obesity

कम उर्जा वाले वयंजनों का सेवन करें। जैसे भूने चने, मूंग दाल, दलिया आदि का सेवन करें। इनमें फैट कम होता है।
दो बडे चम्मच मूली के रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं, ऐसा करने से माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।
हर रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद घोलकर मिला लीजिए। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।
सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज लीजिए। मूंग, चना और सोयाबीन को अंकुरित करके खाने से से उनमें मौजूद पोषक तत्‍वों की मात्रा दोगुनी हो जाती है।
मौसमी हरी सब्जियों का प्रयोग ज्‍यादा मात्रा में करें। मौसमी सब्जियां जैसे - मेथी, पालक, बथुआ, चौलाईसाग हैं। इनमें कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है।
सोयाबीन का सेवन कीजिए। इसमें ज्‍यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें पाया जाने वाला आइसोफ्लेवंस नामक प्रोटीन शरीर से चर्बी को कम करता है।
खाने में गेहूं के आटे की चपाती बंद करके जौ और चने के आटे की चपाती लेना शुरू करें। जौ और चने में कार्बोहाइड्रेट पदार्थ होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं।
अधिक चिकनाईयुक्त दूध, बटर तथा इससे बने पनीर का सेवन बंद कर दें। क्‍योंकि इनमें वसा ज्‍यादा मात्रा में होता है जो कि मोटापे का कारण बन सकता है।
फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर न खाएं। कोल्ड ड्रिंक न पिएं, क्योंकि कोल्डा ड्रिंक की 500 मिलीलीटर मात्रा में 20 चम्मच शुगर होती है जिससे मोटापा बढ़ता है।
नीबूं का रस गुनगुने पानी में निचोड़कर पीयें, इससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर भी हल्का लगता है। शर्दियों में नींबू वाली चाय पिएं तो इससे पेट में गैस नहीं बनती।
व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। व्‍यायाम जैसे - साइकलिंग, जॉगिंग, सीढी़ चढ़ना-उतरना, रस्सी कूदना, टहलना, घूमना इस प्रकार के व्यायाम नियमित रूप से करने से वजन घटाया जा सकता है।

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