इंदौर। सीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान (PURUSHOTTAM DHIMAN IFS) पर 2 अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का आरोप है। दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति इंदौर वन मंडल के हुई थी परंतु सीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान ने उन्हे अलीराजपुर भेज दिया। दोनों ने ज्वाइन करने से पहले 6 दिन की छुट्टी मांगी और सूचना देकर चले गए लेकिन सीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान ने इसे बिना सूचना अवकाश पर जाना माना और केवल इसी बात पर दोनों को बर्खास्त कर दिया।
जांच कमेटी ने निर्दोष पाया था, फिर भी बर्खास्त कर दिया
छुट्टी से लौटकर आए तो सीसीएफ ने उन पर कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए थे। एसडीओ की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई थी। कमेटी ने वन रक्षकों को निर्दोष पाया था। छुट्टी पर जाने से पहले सूचित किया जाना भी पाया था। इसके बावजूद सीसीएफ ने जांच कमेटी की अनुशंसा ही बदल दी और सीधे बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। इस आदेश को वन रक्षकों ने एपीसीसीएफ के यहां चुनौती दी। एपीसीसीएफ ने बर्खास्तगी के आदेश को रद्द कर बहाल करने के आदेश सीसीएफ को दिए हैं।
अपील में आदेश गलत पाया गया, दोनों को बहाल किया
वन रक्षक राजेंद्र राजौरिया, स़ुधीर शुक्ला को तत्कालीन सीसीएफ पुरुषोत्तम धीमान ने बर्खास्त कर दिया था। दोनों की नियुक्ति इंदौर वन मंडल के लिए हुई थी, लेकिन सीसीएफ ने दोनों को नियम से परे जाकर आलीराजपुर भेज दिया था। आलीराजपुर जाने से पहले दोनों ने छह दिन की छुट्टी ली थी। इसे सीसीएफ ने बिना सूचना एवं अनुमति के छुट्टी पर जाना मानकर कार्रवाई कर दी थी। वन रक्षकों ने अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डाॅ. पीसी दुबे के यहां पक्ष रखा। उन्होंने पिछले दिनों प्रधान मुख्य वन संरक्षक जेके मोहंती के सामने यह प्रकरण रखा। इस पर नवागत इंदौर सीसीएफ एस. कालीदुरई को आदेश दिए गए कि दोनों को वापस बहाल किया जाए।
कर्मचारी संघ ने भी आपत्ति जताई थी
वन कर्मचारी संघ ने भी बर्खास्त करने को आपत्तिजनक बताया था। उप प्रांताध्यक्ष प्रकाश वाजपेयी, अंतरसिंह बैस, भीमसिंह कुशवाह ने पत्र लिखकर बहाल करने की मांग की थी। पीसीसीएफ मोहंती से भी मुलाकात कर बताया कि इतनी बड़ी कार्रवाई गंभीर अपराध करने पर दी जाती है। इसे वापस लिया जाना चाहिए।