नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्री सरकारी दूर संचार सेवा प्रदाता कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड को बंद करने की मंशा पहले ही जता चुके हैं। अब एमटीएनएल और बीएसएनएल कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की तैयारियां शुरू कर दीं हैं। सरकार इतनी जल्दी में है कि चुनाव आचार संहिता के बीच चुनाव आयोग से मंजूरी प्राप्त करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र में भी 2 साल की कटौती की जाएगी। इस योजना से बीएसएनएल में 54 हजार कर्मचारियों की छंटनी हो जाएगी।
दूरसंचार विभाग मंत्रिमंडल के विचार के लिए नोट तैयार कर रहा है जिसमें बीएसएनएल और एमटीएनएल के 50 साल से ऊपर के कर्मचारियों के लिये वीआरएस की पेशकश की सिफारिश होगी। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, 'विभाग बीएसएनएल और एमटीएनएल कर्मचारियों के लिये वीआरएस लाने को लेकर मंत्रिमंडल नोट तैयार कर रहा है। विभाग मंत्रिमंडल के पास प्रस्ताव भेजने की मंजूरी के लिये जल्दी ही चुनाव आयोग से संपर्क करेगा।'
भारत संचार निगम लि. (BSNL) के कर्मचारियों की संख्या 1.76 लाख है, जबकि एमटीएनएल में 22,000 कर्मचारी हैं। ऐसा अनुमान है कि अगले पांच से छह साल में एमटीएनएल के 16,000 कर्मचारी तथा बीएसएनएल के 50 फीसदी कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे। बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिये वीआरएस से क्रमश: 6,365 करोड़ रुपये तथा 2,120 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। विभाग वीआरएस के वित्त पोषण के लिये 10 साल का बॉन्ड जारी करेगा। एमटीएनएल के मामले में वेतन अनुपात 90 फीसदी पहुंच गया है जबकि बीएसएनएल के मामले में यह करीब 60 से 70 फीसदी है।
गुजरात मॉडल के आधार पर वीआरएस
दोनों दूरसंचार कंपनियों ने कर्मचारियों को गुजरात मॉडल के आधार पर वीआरएस देने का आग्रह किया है. गुजरात मॉडल के तहत कर्मचारियों को पूरा किये गये प्रत्येक सेवा वर्ष के लिये 35 दिन का वेतन तथा रिटायरमेंट तक बचे हुए सेवा वर्ष के लिये 25 दिन का वेतन की पेशकश की गई. यह पूछे जाने पर कि इस योजना के अंतर्गत कितने कर्मचारी आएंगे, अधिकारी ने कहा कि इसमें 50 साल से ऊपर के सभी कर्मचारी आएंगे. उन्होंने कहा कि यह स्वैच्छिक योजना है, ऐसे में कर्मचारियों की वास्तविक संख्या का निर्धारण नहीं किया जा सकता.
खस्ताहाल बीएसएनएल को पटरी पर लाने के लिए बीएसएनल बोर्ड ने एक सरकारी समिति द्वारा सुझाए गए दस में से तीन सुझावों को मंजूर कर लिया है. इनमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 60 से घटाकर 58 साल करने, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लाने और बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन जल्दी करना शामिल है. इस समिति में आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रेखा जैन, विशाल गुप्ता और अजय पांडे शामिल थे. वीआरएस लागू करने और रिटायरमेंट एज घटाने से बीएसएनएल में 54,451 कर्मचारियों की छंटनी हो जाएगी.
इससे अगले छह साल में बीएसएनएल को 13,895 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. वीआरएस से कंपनी को हर साल 1,921 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. हालांकि, वीआरएस पैकेज लागू करने के लिए एकमुश्त करीब 13,000 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. बीएसएनल पिछले कई साल से घाटे में चल रही है और रिलायंस जियो के बाजार में आने से इसका घाटा और बढ़ा है. पिछले महीने पहली बार ऐसा हुआ कि कंपनी अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाई.
( Business Today, PTI और AAJ TAK के इनपुट पर आधारित)