भोपाल। एक दिन पहले भोपाल में पकड़े गए आईपीएल सट्टेबाजी गिरोह (IPL BETTING RACKET) के तार हांगकांग और दुबई से जुड़े हुए हैं। रविवार को पुलिस ने इस मामले को आयकर विभाग (INCOME TAX DEPARTMENT) की इंवेस्टिगेशन विंग को सौंपा, जिसके बाद आयकर टीम के 50 सदस्यों ने राजधानी में 7 ठिकानों पर छापा मारा। यहां से जब्त दस्तावेजों में टीम को अब तक 20 करोड़ रु. से अधिक के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले हैं।
मामले में 1.26 करोड़ रुपए पहले ही जब्त किए जा चुके हैं। गिरफ्तार 10 सट्टेबाजों ने पूछताछ में बताया कि वे आईपीएल मैच में जीत-हार पर लोगों से दांव मंगवाते थे। आरोपियों के पास दो लॉकर भी मिले हैं। ये भारत सोनी और संजीत चावला के हैं। सोमवार को दोनों लॉकर खोले जाएंगे। आयकर टीम ने आरोपियों से आयकर अधिनियम की धारा 131 और 136 के तहत पूछताछ की। यह प्रदेश में पहला मामला है जिसमें खुद आयकर विभाग ने जांच अपने हाथ में ली है।
LINK भेजकर APP DOWNLOAD कराते थे सटोरिए
पड़ताल में विभाग को बड़े पैमाने पर डायरियां और कंप्यूटर लैपटॉप में ई-डॉक्यूमेंट्स मिले हैं। इनमें एजेंट के नाम और राशि कोडवर्ड में दी गई है। बताया जा रहा है कि इस सट्टेबाजी के तार सीधे हांगकांग और दुबई से जुड़े हुए हैंं। यह पूरा सट्टा एक एप के जरिए खेला जाता था। इसे गूगल प्ले स्टोर में जाकर सीधे डाउनलोड नहीं किया जा सकता था। दांव लगाने वाले की पहचान और भराेसा कायम होने के बाद सटोरिये उसे एक लिंक भेजते थे, जिसके जरिए वह एप को डाउनलोड करता था। उसके बाद यह सट्टा खेला जाता था।
हर सीजन में लेते हैं नया यूआरएल
बताया जा रहा है कि सटोरिये केवल आईपीएल के दौरान ही नया डोमेन रजिस्टर्ड कराते हैं। सीजन खत्म होने के बाद इसे खत्म कर दिया जाता है। पिछले आईपीएल सीजन में भोपाल में चार से पांच सट्टेबाजी के डोमेन चल रहे थे। एक डोमेन क्रिकएक्सचेंज के जरिए रोजाना 500 करोड़ रुपए के दांव लगाए गए थे। यह दांव 180 एजेंट के जरिए लगाए गए। हर एजेंट को एक सीसी लिमिट दी गई थी। उसी आधार पर यह तय होता था कि वह रोजाना कितने रुपए के दांव लगा सकता है। भोपाल में चौक बाजार स्थित कई एजेंट को 5-5 करोड़ रुपए की लिमिट दी गई थी।