आप सेल्फ अवेयर हैं, आपके पास सेल्फ कंट्रोल है, दूसरों से सहानुभूति रखते हैं, बदलाव को इफेक्टिवली मैनेज करते हैं, पुरानी बातों में ही नहीं उलझे रहते, अपने विचारों पर नियंत्रण है और आप चीजों पर कितना ध्यान देते हैं। इन 7 बातों पर आप गौर करें तो जान सकते हैं कि आपका इमोशनल इंटेलीजेंस किस लेवल का है।'
इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा बुधवार को कराई गई एचआर फोरम मीटिंग में मैनेजिंग एम्प्लॉई बिहेवियर प्रॉब्लम विषय पर रूपक आइच ने ये सात बातें बताईं। उन्होंने बताया कि किसी भी संस्थान में ह्यूमन बिहेवियर मैनेज करना और कुछ नहीं बल्कि लीडरशिप टीम का इमोशनल कॉशंट है। एम्प्लॉईज़ को संस्थान की ओर आकर्षित, मैनेज और रीटेन करने के लिए एचआर एनालिटिक्स का उपयोग किया जाना चाहिए। ये तकनीक एचआर प्रोफेशनल्स को डेटा ड्रिवन डिसीजन लेने में मदद करता है। इन्हीं के कारण लीडर्स ऐसे डिसिज़न ले सकते हैं जिससे अच्छा वर्क एन्वार्यन्मेंट बनने के साथ एम्पलॉइज़ की प्रोडक्टिविटी भी बढ़ती है। यदि इसका प्रभावी उपयोग किया जाए तो बॉटम लाइन में इसके मेजर इम्पेक्ट देखे जा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 64 फीसदी एम्प्लॉयर्स को सही टैलेंट वाले एम्प्लॉई खोजने में परेशानी आती है। नौकरी छोड़ने वाले हर चार में से तीन एम्प्लॉई, कंपनी नहीं बल्कि अपने बॉस को छोड़ते हैं। दुनियाभर में केवल 30 फीसदी एम्प्लॉइज़ ही अपने करंट जॉब में एंगेज्ड और इंस्पायर्ड फील करते हैं।