भोपाल। लोकसभा प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने आज बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और बेरोजगारों से कुछ वादे भी किए। पढ़िए उन्होंने क्या कहा: मोदी जी, आपने बिगाड़ा, हम संवारेंगे। 22 लाख रिक्त सरकारी पद 1 साल में भरेंगे। पैरा मिलट्री में नई भर्ती, भोपाल भर्ती केंद्र होगा। नया रोज़गार IT, AI, पर्यटन, पर्यावरण में होगा। हम पकोड़ा, पंक्चर, ठेला को पूर्ण व्यवसाय हम नहीं मानते। 10 लाख सेवामित्र की नियुक्ति होगी। भोपाल में 10 हज़ार होंगे IT, AI, पर्यटन, पर्यावरण रोज़गार के नए क्षेत्र।
कांग्रेस सरकार में भर्ती परीक्षाओं के लिए फीस नहीं लगेगी
माना कि आर्थिक नीतियाँ आपसे नहीं बन पातीं, अर्थव्यवस्था आप नहीं संभाल पाए, लेकिन इसमें युवाओं का क्या दोष। माना रोज़गार नहीं दे सके लेकिन बेरोज़गारों की जेब काटना तो ठीक नहीं है। इसलिए हमारा वादा है कि कांग्रेस सरकार में किसी नौकरी के फ़ार्म की कोई फ़ीस नहीं होगी। बीते पांच सालों में व्यापमं ने बेरोजगारों से अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं के नाम पर 350 करोड़ की फीस वसूली की। पीएससी में पांच साल में 12 लाख छात्रों ने 80 करोड़ रुपए फीस दी लेकिन नौकरी कितनों को मिली? भाजपा सरकार के पास जवाब तक नहीं था।
मध्यप्रदेश में 53% बेरोजगार बढ़े हैं
मप्र में 18,860 बच्चों ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया और रोजगार मिला मात्र 5,300 को। कम्प्यूटर साइंस में 19,513 ने दाखिला लिया और प्लेसमेंट हुआ मात्र 7,619 युवाओं का। शर्मनाक है कि नौकरी के अभाव में मप्र के युवा आत्महत्याएं करते रहे और बीजेपी सरकार आंखें मूंदे बैठी रही। रोज़गार के मामले में मध्य प्रदेश किस हद तक पिछड़ चुका है इसका उदाहरण है पिछले सालों में यहाँ बढ़ी बेरोज़गारों की संख्या। राज्य में बीते कुछ दिनों में 53% बेरोजगार बढ़े हैं। AICTE के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016-17 में मप्र से इंजीनियरिंग करने वाले आधे युवाओं को नौकरी नहीं मिली।