NYAY YOJANA: जनता के सवालों पर राहुल गांधी के जवाब पढ़िए | QUESTION ANSWER

Bhopal Samachar
भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने न्यूनतम आय गारंटी योजना का ऐलान किया है। इसे न्याय योजना नाम दिया गया है। भाजपा के लोग इसे चुनावी जुमला बता रहे हैं, जबकि राहुल गांधी गारंटी दे रहे हैं कि उन्होंने जो कहा है वो करके दिखाएंगे। इस योजना के संदर्भ में काफी सारी जानकारियां कांग्रेस की तरफ से दी जा चुकीं हैं, फिर भी कई सवाल शेष हैं। राहुल गांधी ने इनमें से कुछ सवालों के जवाब दिए हैं, पढ़िए: 

मोदीजी ने डिमॉनेटाइजेशन किया था हम रिमॉनिटाइजेशन करेंगे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिमॉनेटाइजेशन (नोटबंदी) करके अर्थव्यवस्था से पैसा निकाला और उनकी नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था जाम हो गई है। केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर 'न्याय' योजना के जरिए अर्थव्यवस्था का रिमॉनिटाइजेशन किया जाएगा, यानी सरकार हर साल हर गरीब परिवार को 72 हजार रूपए देकर अर्थव्यवस्था में पैसा डालेगी, जो बाजार में आएगा। 

देश के हालात बेहद खराब हैं, न्याय योजना इसका जवाब है

देश में रोजी-रोटी और सामाजिक सौहार्द की स्थिति काफी गंभीर है। प्रधानमंत्री मोदीजी ने स्थिति सुधारने की जगह डिमॉनेटाइजेशन घोटाला किया। रात को बारह बजे अतार्किक तरीके से जीएसटी लागू कर दिया। गरीबों, मजदूरों, आम आदमी, छोटे-छोटे कारोबारियों को लाइन में खड़ा कर दिया। इससे देश को बहुत नुकसान हुआ। हर तबके के साथ अन्याय हुआ और अर्थव्यवस्था जाम हो गई है। किसान तबाह हो गए। व्यापार चौपट हो गया। छोटे उद्योग बंद हो गए। नौकरियां चली गईं और बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से बढ़ी। ऐसा पिछले 45 साल में कभी नहीं हुआ। 

न्याय योजना से बाजार और रोजगार दोनों स्वस्थ हो जाएंगे

इस नुकसान की भरपाई के लिए ही हम ‘न्याय’ लेकर आए हैं। केंद्र में हमारी सरकार आने पर हम डिमॉनेटाइजेशन का अन्याय दूर करने के लिए रिमॉनेटाइजेशन करेंगे। मोदीजी ने देश के सिस्टम से पैसा निकाला और 8-10 बड़े उद्योगपतियों को दे दिया। जबकि दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जब आप सिस्टम से पैसा निकालेंगे तो इसका नुकसान होगा। अर्थव्यवस्था जाम हो जाएगी। उसे पटरी पर लाने के लिए एक बड़ा धक्का लगाने की जरूरत होती है। हम ‘न्याय’ के जरिए देश के लोगों, गरीबों की जेब (सिस्टम) में पैसा डालेंगे जो बाजार में आएगा। लोगों की क्रयशक्ति बढ़ने से मांग बढ़ेगी और उत्पादन बढ़ेगा।

सिर्फ बेहद गरीबों तक सीमित नहीं रहेगी यह योजना

जीएसटी की तरह अचानक रात 12 बजे लागू नहीं कर देंगे। न ही नोटबंदी की तरह मनमाने ढंग से लागू कर जनता का नुकसान करेंगे। योजना तरीके से और चरणों में लागू होगी। कांग्रेस की सरकार आने पर सर्वें कराएंगे, अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार होगी। 12 हजार रुपये की न्यूनतम आय तय करेंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 20% लोग जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और जिनकी सालाना आय 72 हजार से कम हैं, उन्हें पहले ‘न्याय’ मिलेगा। इससे लोग गरीबी की रेखा से बाहर आएंगे और अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ेगी। मनरेगा और अन्य योजनाओं से यूपीए सरकार ने 14 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें फिर गरीब बना दिया।

जनता की मदद करना सरकार की जिम्मेदारी है, हम निभाएंगे

‘न्याय’ कोई योजना नहीं, दर्शन है। जिसके साथ अन्याय होगा कांग्रेस पार्टी उसके साथ खड़ी होगी। किसान की कर्ज माफी योजना भी उनके साथ न्याय है। आप बताइए प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चोकसी का क्या किया? उद्योगपतियों का 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर दिया। हम यदि किसानों का कर्जा माफ करने की बात कर रहे हैं तो कहां गलत हैं। अगर उद्योग जगत के साथ भी अन्याय हुआ तो राहुल गांधी उसके साथ भी खड़ा होगा। न्याय कांग्रेस की विचारधारा का केंद्र बिंदु है।

जमीनी स्तर पर निगरानी करेंगे, घोटाला नहीं होने देंगे

तकनीकी का युग है। मोबाइल, इंटरनेट, आधार कार्ड समेत काफी कुछ है। इसलिए हम जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से निगरानी कर सकते हैं। लीकेज रोक सकते हैं। हम गरीबी दूर करने के लिए जो करने जा रहे हैं, वह कांग्रेस की सर्जिकल स्ट्राइक है। ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक, जिसे किसी और देश ने नहीं किया। हम ऐसी ही कुछ और सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले हैं।

लोगों को रोजगार मिलेगा, उत्पादन बढ़ेगा, बाजार चलेगा

एक सवाल आपसे पूछता हूं। क्या अनिल अंबानी ने काम करना बंद कर दिया? उनके पास तो बहुत पैसा था। वह आज भी काम तो करते होंगे? आप बताइए क्या किसान काम नहीं करता? क्या वह अपने बच्चों को स्कूल, विश्वविद्यालय में पढ़ाना नहीं चाहता? अच्छे इलाज की सुविधा नहीं चाहता। सपने नहीं देखता और उसे अपना भविष्य नहीं चाहिए? मेरे विचार में किसान, गरीब, मजदूर तबका भी 12 हजार रुपये महीने की न्यूतनम आमदनी की श्रेणी से बाहर निकलना चाहता है। गरीबी की जंजीरें उसे बेबस करती हैं। हम उस जंजीर को तोड़ रहे हैं। मनरेगा से आय बढ़ी तो बाजार में मांग बढ़ी। उत्पादन बढ़ा तो रोजगार भी बढ़े।

न्याय योजना मोदीजी का आइडिया है

मोदीजी के प्रचार-प्रसार का तरीका बहुत अच्छा है। वो प्रधानमंत्री कम प्रचार मंत्री ज्यादा हैं। उनका संवाद ए-वन है। उनके दो-तीन विचार या योजनाएं भी बहुत अच्छी थीं। जैसे मेक-इन इंडिया, लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये देने की घोषणा। लेकिन उन्होंने इसमें झूठ मिला दिया। हमने उनसे उनका आइडिया ले लिया। अब हर गरीब के खाते में सालाना 72 हजार और पांच साल में 3.60 लाख रुपये डालेंगे। हम सरकार बनने पर ऐसा करने वाले हैं और इसमें कोई झूठ नहीं है।

मोदीजी अपने साथियों पर भरोसा नहीं करते

मोदीजी दूसरों पर भरोसा नहीं करते। वे अपने जनरलों (गृहमंत्री, रक्षामंत्री, परिवहन मंत्री, वित्तमंत्री) पर भरोसा नहीं करते। उन्हें काम करने की कोई छूट नहीं है, इसलिए पांच साल के कामकाज में केवल मोदीजी के वादे आए। वादों का परिणाम नहीं आया। उन्होंने निर्णय ले लिया कि नोटबंदी तो अचानक नोटबंदी। रात 12 बजे जीएसटी। दरअसल मोदीजी की समस्या पॉलिटिकलाइजेशन ऑफ पावर (सत्ता के राजनीतिकरण) से जुड़ी है। वे बोलते अच्छा हैं, सुनते कम हैं।
जनता की तरफ से सवाल अमर उजाला के सलाहकार संपादक विनोद अग्निहोत्री और वरिष्ठ समाचार संपादक शशिधर पाठक ने किए। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!