सहेलियों की साजिश: होली पर ऐसा रंग लगाया कि बाल उड़ गए, चेहरा झुलस गया | INDORE MP NEWS

इंदौर। देश में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। उन पर कई तरह से हमले किए जा रहे हैं लेकिन हमलावर केवल पुरुष ही नहीं हैं, लड़कियां भी लड़कियों की दुश्मन बनीं बैठी हैं। समता नगर में कुछ छात्राओं ने अपनी सहेलियों को साजिश के चलते ऐसे रंग लगाए कि होली के बाद जब लड़कियां रंग साफ करने के लिए नहाने गईं, तो उनके सिर के बाल ही उड़ गए। उनकी स्किन झुलस गई। 

टीआई संजय शुक्ला ने बताया कि संजना (15) पिता प्रदीप पाल, पलक (15) पिता ललित यादव, सुमित (8) पिता संदीप भदौरिया, प्राची (18) पिता ललित यादव, प्रियांशी (14) पिता अजय सिंह और अंजू (16) पिता सुमेर सिंह सभी निवासी समता नगर आपस में रंग खेल रहे थे। सहेलियों के साथ खेलते-खेलते संजना घर के अंदर चली गई। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाली कॉलेज छात्रा सोना और पलक (दोनों बहनें) संजना के घर पहुंचीं। उन्होंने पहले संजना को गुलाल लगाया। मना करने के बावजूद दोनों संजना को बाहर ले गईं। उन्होंने पहले संजना को गुलाल लगाया। फिर बाल्टी में रखा गीला रंग उसके सिर पर उंडेल दिया। एक अन्य बाल्टी में रखा रंग पास में खड़ी बाकी लड़कियों पर डाल दिया। रंग लगते ही संजना सहित सभी को जलन होने लगी। सभी भागकर अपने-अपने घर चली गईं।

पानी डालते ही गिरा बालों का गुच्छा

संजना बाथरूम में पहुंची तो पानी डालते ही उसके सिर से बालों का गुच्छा झड़कर नीचे गिर गया। फिर हाथ-पैर में जलन और खुजली होने लगी। चेहरे और हाथ-पैर काले हो गए। मां मोना उसे लेकर एमवाय अस्पताल गई। प्राथमिक इलाज के बाद वे लौटी और कॉलेज छात्राओं से बात करने गईं। इस दौरान कॉलेज छात्राओं के परिजन का उनसे विवाद हो गया। इसी दौरान रंग से झुलसी बाकी लड़कियां भी आ गईं। इसके बाद सभी थाने पहुंचीं।

सहेलियों की साजिश है

मोना के मुताबिक एमवाय अस्पताल में स्किन के डॉक्टर तो नहीं मिले, लेकिन जांच करने वालों ने बताया कि रंग के साथ केमिकल मिलाकर लगाया गया है जिससे रिएक्शन हुआ। उनका आरोप है कि जिन छात्राओं ने रंग लगाया, उन्हें पहले से पता था। इसी कारण उन्हें कोई समस्या नहीं हुई। शुक्रवार को पुलिस ने बेटी के बयान लिए हैं। उधर, जिन छात्राओं पर आरोप है, उनका कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि रंग में केमिकल मिला हुआ है।

रंगों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा

थानेदार प्रियंका जैन के मुताबिक कुछ पीड़ित लड़कियों के बयान लिए गए हैं। रंग के कारण कुछ बच्चियों की पीठ जल गई है। कुछ के हाथ-पैर काले पड़ गए। इससे लग रहा है कि केमिकल रिएक्शन के कारण यह हुआ है।

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