स्कूलों में बिजली नहीं है, 42 डिग्री में कैसे पढ़ाएं | MP NEWS

नरसिंहपुर। प्रदेश और जिले के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कल 1 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है ।कहने को तो शासकीय योजना के अनुसार और दी जा रही जानकारी के अनुसार आनंदमई वातावरण में शिक्षा प्रदान करने के लिए मनोरंजक और क्रियाशील गतिविधियों पर आधारित गतिविधि पर खेल खेल में आधारित शिक्षण प्रद कार्यविधियां विकसित की गई है परंतु विडंबना की बात यह है कि आधी अधूरी अपूर्ण सुविधाओं के साथ नवीन शिक्षण सत्र प्रारंभ होना बालकों के लिए बेहद खतरनाक और प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कड़वा अनुभव साबित होने वाला है। मौसम विभाग के पूर्व अनुमान के अनुसार 42 डिग्री तापमान वृद्धि दोपहर में तेज धूप और कड़ी विद्यार्थियों का पसीना छोड़ने के लिए काफी है। 

ऐसे में जहां एक ओर विद्यालयों में ठंडे पेयजल की भारी कमी है अधिकांश विद्यालयों में विद्युत सुविधा और सुचारू रूप से विद्युत कनेक्शन ना होने के कारण ठंडी हवा और गर्मी से राहत देने वाली व्यवस्थाएं पर्याप्त रूप से ना होने के कारण गरीब और निम्न तबके के सामान्य विद्यार्थियों को मौसम के भरोसे यूं ही छोड़ दिया गया। जहां अनेकों जिलों में सुबह की पाली में समस्त विद्यालय लगाने के निर्देश जारी हो गए हैं वहीं नरसिंहपुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी अपने कारनामो से उजागर होने से बाज नहीं आ रहे हैं उन की लापरवाह और गफलतभरी कार्यशैली के शिकार  पूरे जिले के हजारों हजारों विद्यार्थी होने जा रहे हैं माता पिता असहाय से मजबूरीवश बच्चों को बेहतर शिक्षा की ललक के चलते ऐसे प्रतिकूल और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक मौसम में भी बच्चों को शाला भेजने मजबूर नजर आ रहे हैं।

एक ओर जहां अशासकीय विद्यालय तक  बच्चो को प्रातकाल   बुलाती है वहीं दूसरी ओर शासकीय विद्यालयों में बच्चों की स्वास्थ्य उनके मानसिक विकास उनके अनुकूलन की कोई परवाह किए बिना खरी धूप भरी दोपहर चिलचिलाती गर्मी में बुला रहे हैं। शासकीय उच्चाधिकारियों और विभागीय जिला शिक्षा अधिकारी की तानाशाही और मनमानी के चलते विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक प्रधान पाठक भी लाचार नजर आ रहे हैं और बालकों उनके पालकों के सवालों का जवाब देने में लाचार नजर आ रहे हैं। 

इन सारी दुविधा पूर्व परिस्थिति और भारी कठिनाइयों के चलते कल से लगने वाले विद्यालयों में बमुश्किल एक चौथाई विद्यार्थी स्कूल पहुंचेंगे जिससे शासन के शत प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति शाला में होने के दावों की कलई खुल जानी निश्चित है और पालकों में भारी आक्रोश व्याप्त है कि क्योंकि वह गरीब लाचार और सामान्य तबके से होने के कारण सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं वहीं विभागीय और शासकीय उच्च अधिकारी उनके बच्चों के स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक विकास से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के जिला सचिव सत्य प्रकाश त्यागी ने प्रदेश के मुखिया प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय और तमाम जिलों के कलेक्टर जिला शिक्षा अधिकारियों से नौनिहाल बच्चों और छोटे छोटे विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना हो इसलिए शीघ्रता शीघ्र सुबह की पाली में विद्यालय लगाने के आदेश जारी करने का अनुरोध किया है

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