क्या UP का प्रभारी बनाकर JYOTIRADITYA SCINDIA को मध्यप्रदेश से दूर किया गया | MP NEWS

भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेलकर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति में उतारा। उन्हें पार्टी का महासचिव बनाया गया है। वो अब पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगी। इसके साथ ही राहुल ने अपने सबसे ख़ास ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी पार्टी का महासचिव नियुक्त किया है। प्रियंका की तरह ज्योतिरादित्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगे।

अब भले ही ज्योतिरादित्य का पार्टी में कद बड़ा हुआ हो, लेकिन गौर करने वाली बात यह कि उन्हें कहीं ना कहीं मध्य प्रदेश से दूर किया गया है और वो भी ऐसे समय जब सिर पर लोकसभा चुनाव हैं और उनकी सबसे ज्यादा जरूरत मध्य प्रदेश में है। याद दिला दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाए जाने का दावा मज़बूत माना जा रहा था, क्योंकि वो बतौर मध्य प्रदेश में राजनेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं और उनका सिंधिया राजघराने से ताल्लुक है लेकिन ऐन वक्त पर राहुल गांधी ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया।

राजनीतिक जानकार कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी नजरअंदाज नहीं कर रही है। बस उन्हें इंतजार है सही समय का। क्योंकि राहुल मौका आने पर ज्योतिरादित्य को बड़ा पद देंगे। जिसका इशारा उन्होंने मंदसौर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान यह कहते हुए किया था कि हम लोगों के पास कमलनाथ हैं, जिनके पास अनुभव है लेकिन ये और भी अच्छी बात है कि ज्योतिरादित्य भी हैं जो युवा हैं और भविष्य हैं।

Madhya Pradesh से दूरी...


लगातार पांच बार लोकसभा चुनाव में जीत और मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को उभारने के बावजूद ज्योतिरादित्य को पार्टी ने अब जाकर महासचिव बनाया है, लेकिन वो मध्य प्रदेश से उतने ही दूर हो रहे हैं। उन्हें राहुल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान दी है लेकिन यदि वो लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में रहे तो कांग्रेस के लिए बेहतर हो सकता है। देखा जाए तो ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड में सिंधिया का दबदबा पहले से अच्छा रहा है लेकिन समय के साथ युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता बढ़ी है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ज्योतिरादित्य ने मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राहुल से कई ज्यादा रैलियां की। उन्होंने 110 चुनावी सभाओं को संबोधित किया साथ ही रोड शो भी किए।

RAHUL ने SCINDIA के लिए दिया भविष्य का इशारा...


प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को महासचिव बनाए जाने के बाद राहुल ने मीडिया से बात करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने दोनों नेताओं को केवल दो माह के लिए ही उत्तर प्रदेश का प्रभार नहीं दिया है। बल्कि उन्हें यहां कांग्रेस की विचारधारा को स्थापित करना है। यानी कि ज्योतिरादित्य की काबिलियत पर राहुल को पूरा भरोसा है और भविष्य में उन्हें बड़ा पद हासिल हो सकता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !