पत्नी ने सबके सामने थप्पड़ मारा, पति ने सुसाइड किया, हाईकोर्ट: महिला के खिलाफ कार्रवाई का आधार नहीं | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोई महिला अगर दूसरों के सामने पति को थप्पड़ मारे, तो सिर्फ इस एक घटना को आत्महत्या के लिए उकसावा नहीं मान सकते। पति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से महिला को बरी करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की।

जस्टिस संजीव सचदेवा ने कहा, सामान्य हालात में दूसरों के सामने थप्पड़ मारे जाने से कोई व्यक्ति आत्महत्या की नहीं सोचेगा। अगर थप्पड़ मारने को उकसावा मानते हैं तो ध्यान रखें कि यह आचरण ऐसा होना चाहिए जो किसी सामान्य विवेकशील इंसान को आत्महत्या की ओर ले जाए।’

कोर्ट ने कहा कि महिला के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का कोई आधार नहीं है। उसके खिलाफ शुरू केस का कोई परिणाम नहीं निकलेगा। सिर्फ प्रताड़ित करना होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा आईपीसी की धारा 396 के तहत महिला के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मौजूद होने की बात कहना पूरी तरह गलत है।  

अभियोजन पक्ष के अनुसार 2 अगस्त, 2015 को महिला के पति ने आत्महत्या का प्रयास किया और उसके अगले दिन अस्पताल में मौत हो गई। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने पत्नी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था। 

ट्रायल कोर्ट ने पाया कि महिला ने 31 जुलाई, 2015 को पति को सबके सामने थप्पड़ मारा था और 2 अगस्त को उसने आत्महत्या का प्रयास किया। महिला के ससुर ने आरोप लगाया था कि बेटे ने पत्नी की वजह से आत्महत्या की थी। हाईकोर्ट ने कहा कि सुसाइड नोट में थप्पड़ मारने की घटना का जिक्र नहीं था।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!