ADHYAPAK: पहले कमिश्नर से बहस की, फिर शिक्षामंत्री से मिले | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। अध्यापक संघर्ष समिति ने सुबह वचन पत्र अनुसार 1994 का शिक्षा विभाग, पुरानी पेंशन बहाली, अनुकम्पा नियुक्ति, ट्रांसफर पॉलिसी के लिये शिक्षामंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, उनके ओएसडी श्री तोमर जी को अवगत कराया गया। वचनपत्र समय सीमा में पूरा करने हेतु आग्रह किया गया और एक टीम बल्लभ भवन भेजी जहां से नोटशीट विभाग के लिए प्रेषित करने के लिए। गौरतलब है कल शाम को 25 मिनिट इसी मसले पर कमिश्नर लोकशिक्षण से चर्चा और बहस भी हुई थी। 

अध्यापकों का कहना है कि सरकार बनने को एक माह से अधिक का समय हो गया है लेकिन अध्यापकों के लिए वचन पत्र के क्रियान्वयन की स्थिति लगभग शून्य हैं। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में अध्यापकों को 1994 के अनुसार शिक्षा विभाग में संविलियन, बंधन मुक्त स्थानांतरण पति-पत्नि का समीपस्थ स्थान पर समायोजन, ई-अटेन्डेन्स की अनिवार्यता से मुक्ति और पुरानी पेंशन बहाली पर विचार करने का वचन दिया था। 

सरकार के गठन के बाद राज्य शिक्षा सेवा के आदेश जारी होना और विकल्प पत्र नहीं भरने वाले अध्यापको के लिए चेतावनी भरे लहजे में 15 दिवस के भीतर विकल्प पत्र भरने का आदेश जारी होना सरकार की ओर से अध्यापकों के लिए शुभ संकेत नहीं है। 

संबंधित मंत्रीगण, सरकारी प्रवक्ता या सरकार की ओर से अभी तक स्पष्ट बयान नहीं आया है कि हम अध्यापकों का शिक्षा विभाग में संविलियन के लिए वचनबद्ध है। इसमे इस कुतर्क की गुंजाइश नही है कि वचनपत्र 5 वर्ष के लिए है। राज्य शिक्षा सेवा के आदेश जारी होना और विकल्प पत्र ना भरने वालों के लिए चेतावनी भरा अंतिम अवसर देना अध्यापकों की भावनाओं पर जले में नमक छिड़कने जैसा है। राज्य शिक्षा सेवा के आदेश लोक शिक्षण संचनालय द्वारा जारी करना यह संकेत तो देता ही है कि सरकार की ओर से विभाग को कोई स्पष्ट निर्देश, शिक्षा विभाग में संविलियन के लिए जारी नहीं किए गए हैं। इसलिए अधिकारी चुनाव पूर्व की स्थगित प्रक्रिया को जारी रखे हुए हैं। 

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