SAPAKS: सीएम कमलनाथ ने मिलने नहीं बुलाया, अब फिर आंदोलन के मूड में | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। दिनांक 30.12.2018 को सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी/ कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के संस्थापक मंडल एवं प्रांतीय कार्यकारिणी की संयुक्त बैठक आयोजित हुई। बैठक में भविष्य की गतिविधियों को लेकर चर्चा हुई। बैठक में सर्वप्रथम इस बात पर खेद व्यक्त किया गया कि भले ही सत्ता बदल गई हो लेकिन सरकार का सपाक्स वर्ग के प्रति रुख पूर्व सरकार के समान ही है। 

मुख्यमंत्री को शुभकामनाओं और अभिनन्दन के साथ संस्था ने मिलने हेतु समय दिए जाने का निवेदन किया था किन्तु लगभग 12 दिनों के बावजूद यह अधिकृत सूचना प्राप्त नहीं हुई कि कब मान मुख्यमंत्री जी संस्था प्रतिनिधि मंडल से मिलेंगे? बैठक में इस संबंध में विस्तृत चर्चा की गई कि नई सरकार के गठन के बाद भी सपाक्स वर्ग के शासकीय सेवकों की समस्यायें यथावत हैं। संस्था की नई सरकार से अपेक्षा थी कि प्रदेश में बाधित पदोन्नतियों, बैकलॉग की समस्या व संस्था को मान्यता संबंधी मुद्दों पर सार्थक न्यायपूर्ण कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ होगी। लेकिन ऐसा परिलक्षित नहीं हो रहा है कि सरकार को बहुसंख्यक वर्ग की कोई चिंता है अत: अपनी मांगों के लिए समयबद्ध रूप से पूर्व की भांति संस्था गतिविधियां पुन: प्रारंभ की जावेगी। 

संस्था सभी नव निर्वाचित विधायकों को पत्र के माध्यम से अधिकारियों/ कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभाव से अवगत करावेगी तथा सरकार पर दबाव बनाने के लिए निवेदन करेगी। संस्था के प्रांतीय प्रतिनिधि सभी मान मंत्रीगणों से भी व्यक्तिगत मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे। इसी प्रकार सभी जिलों में संस्था जिला प्रतिनिधि उनके जिलों के मान मंत्रीगणों व विधायकों का घेराव कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपकर समस्याओं के निराकरण हेतु कार्यवाही करेंगे।

यदि जनवरी माह के अंत तक सार्थक कार्यवाही सरकार द्वारा नहीं की जाती है तो फरवरी माह से  क्रमशः विकासखंड/ जिला एवं प्रांत स्तर पर रैलियां/ धरना/ प्रदर्शन प्रारंभ किए जावेंगे। माह जनवरी में संस्था का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित कर निश्चित रूप रेखा सर्वसम्मति से तय की जावेगी।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मान मुख्यमंत्री को मान सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के सितंबर माह में दिए गए निर्णय अनुसार नए पदोन्नति नियम बनाने तथा पूर्व असंवैधानिक नियमों के तहत गलत व समय पूर्व  पदोन्नत शासकीय सेवकों को पदावनत कर पूर्व सरकार द्वारा वर्ग विशेष के हितार्थ की गई कार्यवाही को निरस्त करने हेतु लिखा जावेगा। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई किसी भी सरकार का मान न्यायालय के निर्णय के बावजूद भेदभाव की नीतियों का समर्थन दुर्भाग्यपूर्ण है।

अंत में सभी प्रदेशवासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए नई सरकार से इस अपेक्षा के साथ बैठक समाप्त की गई कि जनभावना के अनुरूप बगैर भेदभाव उन नीतियों को अमल में लाया जाएगा जो प्रदेश की समृद्धि में सहायक हो।
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