GST: बैंक सुविधाओं पर नहीं लगेगा, पढ़िए और क्या क्या बदलेगा | NEW NOTIFICATION

इंदौर। जीएसटी काउंसिल की 22 दिसंबर को हुई बैठक में लिए फैसलों के बाद कारोबारियों को राहत देने के लिए इसके नोटिफिकेशन बनना शुरू हो गए हैं, जो संभवत: सोमवार को जारी हो जाएंगे। इसमें एक बड़ी राहत बैंकों में सेविंग खाता और जनधन खाता रखने वाले खाताधारकों को 1 जनवरी से मिल जाएगी। इसके तहत खाताधारकों को चेकबुक, एटीएम कार्ड लेने, एसएमएस अलर्ट आदि बैंकिंग सुविधाओं पर जीएसटी नहीं देना होगा। 

80 हजार कारोबारियों को राहत
टैक्स दरों में हुई कटौती का भी लाभ मिलेगा। इसके तहत टीवी (32 इंच तक), मॉनिटर, पॉवर बैंक, डिजिटल कैमरे इन सभी वस्तुओं पर टैक्स कम होने का लाभ मिलेगा। इसी के साथ रिटर्न भरने पर लेट फीस से राहत मिलेगी। इसके तहत ऐसे कारोबारी जो 22 दिसंबर के बाद रिटर्न या पुराने रिटर्न 31 मार्च तक दाखिल कर देंगे, उन्हें विलंब शुल्क नहीं लगेगा। इसके तहत प्रदेश के 80 हजार से अधिक कारोबारी आएंगे, जिन्हें राहत मिलेगी। जीएसटी के नोडल अधिकारी व जॉइंट कमिश्नर सुदीप गुप्ता ने कहा कि काउंसिल के फैसले 1 जनवरी से लागू होना हैं। सोमवार को नोटिफिकेशन आ जाएंगे।

इसलिए जूते-चप्पल होंगे सस्ते
अभी तक किसी भी तरह के जूते और चप्पलों (फुटवियर) पर एमआरपी पर टैक्स लग रहा था। एक हजार से कम कीमत की एमआरपी है तो पांच फीसदी और इससे अधिक है तो 18 फीसदी लेकिन अब इसकी मूल कीमत पर टैक्स लगेगा और इसके चलते रिटेलर भी कम कीमत में बेचेगा।

फ्रोजन मटेरियल टैक्स फ्री
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को जो भी गिफ्ट मिलते हैं, उनकी नीलामी होती है। अब इस नीलामी में बिकी वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। रेडी टू ईट के पैकेट, फ्रोजन मटेरियल इन सभी पर पांच फीसदी जीएसटी देय था, लेकिन फ्रोजन मटेरियल को अब सब्जी मानकर टैक्स खत्म कर दिया है। यह सभी आइटम 1 जनवरी से सस्ते हो जाएंगे।

छोटे कारोबारियों को यह बड़ी राहत
नोटिफिकेशन होने के बाद डेढ़ करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को राहत मिलेगी कि वह हर बार तिमाही रिटर्न देने के साथ मासिक टैक्स अपने हिसाब से भर सकेंगे और तीसरे महीने में जब वह रिटर्न जमा करेंगे तो वह सही टैक्स का हिसाब लगाकर पूरी राशि दे सकेंगे।

सालाना ऑडिट रिटर्न 30 जून तक भरना होगा
ई-कॉमर्स कंपनी को टीसीएस (टैक्स कलेक्शन एट सोर्स) कटने के बाद अक्टूबर से दिसंबर तक के जो रिटर्न भरने थे, वह अब 31 जनवरी तक भर सकेंगे। सरकारी विभागों को भी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (टीडीएस) देना था, उसकी तारीख 31 जनवरी हो गई है।

जिन्हे स्थाई जीएसटी नंबर नहीं मिला
व्यापारी जिन्हें प्रोविजनल आईडी मिल गई, पर स्थाई जीएसटी नंबर जारी नहीं हुआ, ऐसे कारोबारी अपनी जानकारी 31 जनवरी तक विभाग को दें तो वह 31 मार्च 2019 तक रिटर्न भर सकते हैं।

वैट एक्ट में केस निराकरण की तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 30 जून की
वाणिज्यिक कर विभाग ने कारोबारियों को राहत देते हुए वैट एक्ट के तहत विविध मामलों के निराकरण के लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर को बढ़ाकर 30 जून 2019 कर दी है। इससे प्रदेश के दो लाख से ज्यादा कारोबारियों को राहत मिलेगी। मप्र टैक्स लाॅ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया ने कहा 2016-17 के एसेसमेंट केस की तारीख बढ़ गई है। टाइमवार केस की तारीख भी बढ़ाने के आदेश हो गए हैं। इसके लिए कर संगठन लगातार मांग कर रहे थे।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !